राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता छगन भुजबल सोमवार (15 जुलाई) को अचानक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करने पहुंच गए। दोनों नेताओं की अचानक मुलाकात ने कई तरह की अटकलों को हवा दे दी। छगन भुजबल ने तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि मैं मराठा और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर बात करने की लिए गया और ओबीसी और मराठा समुदाय के मुद्दे पर मैं किसी से भी मिलने जाऊंगा, जरूरत पड़ी तो मैं राहुल गांधी से भी मिलने को तैयार हूं।
मुंबई में शरद पवार के आवास सिल्वर ओक में मुलाकात के बाद भुजबल ने कहा कि ओबीसी मराठा आरक्षण मुद्दे पर पवार के साथ उनकी करीब डेढ़ घंटे तक बैठक हुई और शरद पवार ने उनसे कहा कि वह ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने की मराठाओं की मांग को लेकर जारी गतिरोध के बारे में मुख्यमंत्री शिंदे और राज्य के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा करेंगे।
राकांपा नेता ने कहा कि पवार ने पहल करने और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा राज्य के अन्य महत्वपूर्ण नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने पर सहमति जताई है। भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र में स्थिति बहुत खराब है। मराठा, ओबीसी के दुकान में नहीं जा रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि आप राज्य के बड़े नेता हैं, आपको इसमें आगे आकर रास्ता निकालना चाहिए। झगड़े को खत्म करना होगा।
कार्यकर्ता मनोज जरांगे मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। कुछ ओबीसी कार्यकर्ताओं ने हाल ही में एक आंदोलन किया जिसमें आश्वासन मांगा गया कि उनका आरक्षण प्रभावित नहीं होगा। भुजबल को पवार से मुलाकात के लिए करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। जिस पर भुजबल ने कहा कि मैंने उनसे मिलने के लिए समय नहीं मांगा था। मैं जब गया तो वो सो रहे थे। इसलिए मैंने एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार किया। उठने के बाद उन्होंने मुझे बुलाया, हमने उनसे चर्चा की, मैंने उनसे कहा कि मैं किसी राजनीतिक मकसद के साथ नहीं आया हूं। मैं मंत्री या विधायक बनकर नहीं आया हूं।
मराठा आरक्षण मुद्दे पर विपक्ष द्वारा सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने की वजह से शरद पवार पर परोक्ष हमला करने के एक दिन बाद भुजबल ने उनसे मुलाकात की है। कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) से मिलकर बने महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के नेता नौ जुलाई को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उनका दावा था कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया। भुजबल ने रविवार को दावा किया था कि विपक्षी नेता नौ जुलाई को शाम पांच बजे बारामती से आए एक फोन कॉल के बाद बैठक में शामिल नहीं हुए। पुणे जिले का बारामती लोकसभा क्षेत्र 83 वर्षीय शरद पवार का गढ़ है।
एनसीपी के सूत्रों ने बताया कि भुजबल को लग रहा है कि पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। वह अजित पवार के संगठन के साथ हैं, लेकिन पार्टी के भीतर राजनीतिक रूप से अलग-थलग हैं। भुजबल की शरद पवार से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राज्य के मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद महाराष्ट्र में राजनीतिक नेताओं के बीच एक-दूसरे से चर्चा करना एक आम बात है। शरद पवार की पार्टी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि यह शरद पवार की उदारता का परिचायक है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र में भी विपरीत विचार रखने वाले व्यक्तियों को समय देते हैं।