हादसे के बाद घटनास्थल का दृश्य | फोटो: PTI
Air India crash: अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण Air India विमान हादसे की जांच में अब संयुक्त राष्ट्र की एविएशन संस्था, इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICO) के एक एक्सपर्ट को शामिल किया गया है। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने ICO के एक्सपर्ट को जांच में पर्यवेक्षक (ऑब्जर्वर) के तौर पर शामिल करने की मंजूरी दे दी है। यह कदम सामान्य प्रक्रिया से अलग है, क्योंकि ICO ने पहले इसके लिए अनुरोध किया था। भारतीय अधिकारियों ने इस अनुरोध पर विचार-विमर्श के बाद इसे स्वीकार किया। एक अधिकारी ने कहा, “हम इस जांच को पूरी पारदर्शिता के साथ कर रहे हैं।”
अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में हुआ यह हादसा भारत में दशकों में सबसे भयानक हवाई दुर्घटनाओं में से एक है। Air India की फ्लाइट AI 171, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल हॉस्टल कॉम्प्लेक्स से टकरा गई। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति जीवित बचा। जमीन पर भी कई लोग हताहत हुए, जिससे मृतकों की कुल संख्या 270 हो गई।
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हादसे के अगले ही दिन, 13 जून को, भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जांच शुरू कर दी। इसके लिए एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम बनाई गई, जिसमें अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिसर और एक एविएशन मेडिसिन एक्सपर्ट शामिल हैं। गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि विमान के ब्लैक बॉक्स, यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) से डेटा निकाला जा रहा है। यह डेटा हादसे की वजह जानने में अहम भूमिका निभाएगा।
संसद की ट्रांसपोर्ट कमेटी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। कमेटी ने बोइंग कंपनी के अधिकारियों और भारत के नागरिक उड्डयन सचिव को तलब किया है। जेडी(यू) नेता और राज्यसभा सांसद संजय झा की अगुआई वाली इस कमेटी का मकसद हादसे की गहराई से जांच करना है। कमेटी बोइंग 787-8 की खरीद प्रक्रिया और Air India के लिए इसकी उपयुक्तता पर भी सवाल उठाएगी। इसके अलावा, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और Air India के अधिकारियों के साथ भी चर्चा होगी।
इस बीच, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने गुरुवार को ऐलान किया कि टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स मिलकर एक विशेष ट्रस्ट बनाएंगे। यह ट्रस्ट हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को लंबे समय तक सहायता देगा। चूंकि Air India टाटा ग्रुप के अधीन है, यह कदम उनकी मानवीय जिम्मेदारी का हिस्सा माना जा रहा है।
जांच आगे बढ़ने के साथ, देश और दुनिया की नजर इस पर टिकी है कि इस त्रासदी के कारण क्या थे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।