Visual from the plane crash spot (PTI)
Air India Plane Crash: 12 जून को हुए एयर इंडिया हादसे की जांच में एक बड़ा मोड़ आया है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने ‘ब्लैक बॉक्स’ यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) से डेटा निकाल लिया है और उसकी गहराई से जांच शुरू कर दी है।
नागर विमानन मंत्रालय (MoCA) ने बताया है कि विमान हादसे की जांच में एक अहम प्रगति हुई है। मंत्रालय ने बुधवार, 25 जून को सामने के ब्लैक बॉक्स (फ्रंट यूनिट) की मेमोरी मॉड्यूल से डेटा निकाल लिया है। यह जानकारी हादसे के कारणों को समझने और भविष्य में ऐसे मामलों से बचाव के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मंत्रालय ने कहा, “इस कदम का मकसद हादसे से ठीक पहले की घटनाओं की कड़ी को जोड़ना और उन कारणों को पहचानना है, जिनकी वजह से यह दुर्घटना हुई। इससे एविएशन सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।”
हादसे के बाद कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) क्रमशः 13 और 16 जून को घटनास्थल से बरामद किए गए थे। इनमें से एक यूनिट एक इमारत की छत पर मिली, जबकि दूसरी मलबे में दबा हुआ था। दोनों डिवाइस को कड़ी सुरक्षा के बीच 24 जून को वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली लाया गया।
नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि विमान का ब्लैक बॉक्स एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के पास है और उसकी जांच भारत में ही हो रही है। उन्होंने उन अटकलों को खारिज किया कि ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए विदेश भेजा जाएगा।
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यह विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एक हॉस्टल परिसर से टकरा गया था। यह फ्लाइट लंदन जा रही थी। इस भीषण हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। हादसे के बाद एकमात्र यात्री जीवित बच पाया।
ब्लैक बॉक्स 13 जून को मलबे से बरामद किया गया था। यह एक छोटा उपकरण होता है, जो विमान के उड़ान के दौरान अहम तकनीकी जानकारियां रिकॉर्ड करता है। ऐसी घटनाओं में ब्लैक बॉक्स की भूमिका जांच के लिहाज़ से बेहद अहम मानी जाती है।