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रतन टाटा के निधन से उद्योग जगत में शोक की लहर, प्रमुख उद्योगपतियों ने जताया दुख

रतन टाटा के निधन पर देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें उद्यमियों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

Published by
राघव अग्रवाल   
Last Updated- October 10, 2024 | 10:31 PM IST

टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर भारत का उद्योग जगत सदमे में है। देश के नामी उद्योगपतियों ने टाटा के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने टाटा को दयालु एवं विनम्र इंसान बताते हुए कहा कि वह समूचे देश के उद्यमियों के लिए प्रेरणास्रोत थे। बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में टाटा का निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने एक बयान जारी कर कहा कि रतन टाटा दयालु, सौम्य एवं विनम्र स्वभाव के थे।

टाटा सीआईआई की राष्ट्रीय परिषद के लगभग दो दशकों तक सदस्य रहे थे। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘रतन टाटा सामाजिक हितों का सदैव ध्यान रखते थे। उनके मार्गदर्शन में सीआईआई ने एड्स के लिए इंडिया बिजनेस ट्रस्ट स्थापित किया जिसकी दुनिया भर में प्रशंसा हुई। उन्हें भारतीय उद्योग को दुनिया में पांव पसारने, प्रतिस्पर्धी एवं जवाबदेह बनाने में योगदान देने के लिए सदैव याद रखा जाएगा।’

सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा, ‘मैंने व्यक्तिगत रूप से टाटा से काफी कुछ सीखा। उनकी नम्रता, ईमानदारी और सहृदयता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगी। भारतीय उद्योग में वह सभी के लिए मार्गदर्शक रहे और हमें श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। टाटा के चाहने वालों एवं टाटा परिवार के सदस्यों को मेरी सहानुभूति।’

बनर्जी ने कहा कि टाटा ने दुनिया में सीआईआई के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की और विश्वसनीयता स्थापित करने एवं दमखम का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय उद्योग की तरफ से चर्चा का नेतृत्व किया। बनर्जी ने कहा कि सीआईआई टाटा के योगदान के लिए सदैव उनका ऋणी रहेगा।

उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करने वाली एक अन्य संस्था भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ ने कहा कि टाटा के निधन के बाद बने रिक्त स्थान को भरना ‘काफी मुश्किल’ होगा। फिक्की के अध्यक्ष अनीश शाह ने कहा, ‘इस मौके पर फिक्की रतन टाटा को न केवल एक श्रेष्ठ उद्योगपति के रूप में याद कर रहा है बल्कि उन्हें एक ऐसी शख्सियत के रूप में देखता है जो ईमानदारी, नम्रता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के जीते-जागते स्तंभ थे।’

शाह ने कहा कि नैतिक पूंजीवाद को लेकर उनके दृष्टिकोण और कारोबार को सामाजिक हितों की पूर्ति के साधन के रूप में इस्तेमाल करने के उनके प्रयासों ने कई पीढ़ियों तक उद्यमियों एवं उद्योगपतियों को प्रेरित किया। रतन टाटा ने वर्ष 1991 और 2022 के बीच टाटा समूह की बागडोर संभाली थी। उनके नेतृत्व में समूह का मुनाफा 50 गुना बढ़ गया। टाटा स्टील, जगुआर ऐंड लैंड रोवर और टेटली टी जैसे दमदार ब्रांडों की बदौलत दुनिया में टाटा समूह की धाक थी मगर भारत में इसका (समूह) का कहीं अधिक प्रभाव था।

भारत के अधिकांश लोगों के लिए टाटा नमक, टाटा टी, टाइटन और तनिष्क स्वदेशी मगर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांड एवं उत्पाद रहे हैं। एसोचैम में महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘टाटा के जीवन से प्रेरणा लेकर भारत के उद्यमी कुछ बड़ा करने और दुनिया में ख्याति अर्जित करने के लिए प्रेरित होंगे और बेदाग छवि के साथ कंपनी संचालन के उच्च मानक स्थापित करेंगे।’

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने भी टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। अंबानी ने कहा, ‘टाटा के निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से काफी दुख हुआ है क्योंकि मैंने अपना अहम मित्र खो दिया है। उनके चरित्र की महानता और मानव मूल्यों को लेकर मेरे मन में हमेशा आदर का भाव रहा।’

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भी सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर शोक जताया। उन्होंने कहा, ‘टाटा जैसे महान व्यक्तित्व से जुड़ी यादें सदैव हमारे बीच रहती हैं।’ अदाणी ने कहा, ‘भारत ने एक दिग्गज उद्योगपति खो दिया है। उन्होंने दूरदर्शी सोच के साथ आधुनिक भारत के पथ को नई दिशा एवं परिभाषा दी है। वह केवल एक उद्योगपति ही नहीं थे बल्कि उन्होंने भारत में एक नया उत्साह जगाया और समाज के व्यापक हितों के लिए पूरी ऊर्जा के साथ काम किया।’

आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, ‘पिछले कई दशकों के दौरान मेरे परिवार की कई पीढ़ियों और स्वयं मेरे टाटा से नजदीकी जुड़ाव थे। रतन टाटा प्रतिष्ठित टाटा समूह की श्रेष्ठता के प्रतीक थे।’

First Published : October 10, 2024 | 10:31 PM IST