गैर वंदे भारत ट्रेनों में भी बेहतर सुविधाएं देने के लिए केंद्र की योजना वित्त वर्ष 2024-25 में कई नई अमृत भारत ट्रेन शुरू करने की है। रेल मंत्रालय की उत्पादन इकाइयों में 50 ऐसी ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा। इनमें यात्रियों को यात्रा के दौरान शानदार अनुभव मिलेगा।
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF), रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी (MCF) और कपूरथला की रेल कोच फैक्टरी (RCF) में 1,230 रेल डिब्बों का निर्माण किया जाएगा। इस क्रम में आईसीएफ और आरसीएफ, प्रत्येक में 492 अमृत भारत के डिब्बे बनाएंगे जबकि एमसीएफ 246 डिब्बे बनाएगा।
असल में कई राजनीतिक दलों व सिविल सोसायटी ने रेलवे की बात के लिए आलोचना की थी कि वह वंदे भारत जैसी प्रीमियम सेवाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके बाद रेल मंत्रालय ने साल 2023 में अमृत भारत ट्रेन पेश किया। यह पूरी तरह गैर एसी और बेहतर डिजाइन, सुविधाओं और सुरक्षा मानकों वाली ट्रेन थी।
यह नई ट्रेन रेलवे की दो जरूरतों, बढ़ती मांग और सुरक्षा मानकों को पूरा करेगी। यह रेलगाड़ियां स्लीपर, जनरल और द्वितीय श्रेणी के यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करेंगी। इन श्रेणियों में मांग पहले ही कोविड महामारी से पहले के दौर के करीब पहुंच चुकी है। त्योहारों यानी पीक सीजन जैसे दिवाली और छठ पूजा पर यात्रियों को सफर करने के लिए रेलगाडि़यों में जगह नहीं मिल पाती है।
दूसरा, सुरक्षा मानकों को बेहतर किया जाएगा और इन रेलगाड़ियों में सेमी परमानेंट कप्लर और सील्ड गैंगवे जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इनसे इन रेलगाड़ियों की स्पीड बढ़ जाएगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिसंबर में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था, ‘मानक के रूप में 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति रखना समझदारी है लेकिन तकनीकी रूप से होता यह है कि ट्रेन की अलग-अलग इकाइयां अगर इस गति पर चल रही हैं तो वह एयरोडायनमिक (वायुगतिकीय) रूप से अस्थिर हो जाती है। अब हमने अमृत भारत में सील्ड गैंगवे, सेमी परमानेंट कप्लर और एयरोडायनमिक रूप से बेहतर ट्रेन सुविधा मुहैया कराई है। लिहाजा यह रेलगाड़ी तेज गति से चलने के लिए सुरक्षित हो गई है।’
रेलवे उत्पादन इकाइयों को नई सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। इन सुविधाओं में वंदे भारत की सीट की तरह आरामदायक सीट आदि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। इस पर उत्पादन इकाइयों में कार्य जारी है।