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ICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादा

आईसीएआई अध्यक्ष चरणजोत नंदा ने भारतीय एमडीपी स्थापित करने, पेशेवर सेवा फर्मों में सांस्कृतिक बदलाव, नेटवर्किंग दिशानिर्देश और ऑडिट गुणवत्ता सुधार पर अपने दृष्टिकोण साझा किया।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- October 25, 2025 | 9:33 AM IST

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने रुचिका चित्रवंशी के साथ बातचीत में कहा कि इंस्टीट्यूट एक भारतीय मल्टीडिसिप्लीनरी प्रैक्टिस फर्म (एमडीपी) स्थापित करने की पहल का नेतृत्व करने के लिए उत्सुक है और पेशेवर सेवा फर्मों में सांस्कृतिक बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आईसीएआई जल्द ही नेटवर्किंग संबंधी दिशानिर्देश जारी करेगा और कंपनी कानून में संशोधनों पर अपने सुझाव एमसीए के साथ साझा करेगा। प्रमुख अंश:

वैश्विक स्तर पर ‘बिग फोर’ से प्रतिस्पर्धा करने वाली एक भारतीय मल्टीडिसिप्लीनरी प्रैक्टिस फर्म बनाने की सरकार की महत्त्वाकांक्षा को साकार करने में आईसीएआई क्या भूमिका निभाएगा?

हमने कई बैठकें की हैं और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को अपने सुझाव दिए हैं। सरकार वकीलों से भी बात कर रही है। हम देख रहे हैं कि नियमों में क्या बदलाव करने की आवश्यकता है। धन, तकनीक, प्रशिक्षण पहलों की उपलब्धता होनी चाहिए। हम जल्द ही नेटवर्किंग दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं, जिन पर हमें 850 टिप्पणियां मिली हैं। एक सांस्कृतिक बदलाव की आवश्यकता है। हम सरकार की सहायता के लिए हमेशा तत्पर हैं। सभी संस्थानों को अपने दृष्टिकोण का सरकार के साथ तालमेल करना होगा।

क्या आपको लगता है कि पेशों की तरह सभी संस्थानों को भी एक एमडीपी फर्म के लिए एक ही छत्र के नीचे आने की आवश्यकता है?

इसके लिए अलग नियामक हो सकता है। एमसीए इसके लिए शासी मंत्रालय है। मैं चाहता हूं कि इंस्टीट्यूट (आईसीएआई) इसे करे, लेकिन यह फैसला सरकार को करना है। एक बार जब यह हमें सौंप दिया जाएगा, तो हम इस पहल का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।

क्या आप एमडीपी की जरूरतों के लिए युवा पेशेवरों के प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम भी बना रहे हैं?

यह सतत विकसित होने वाली प्रक्रिया है। हम इसे अद्यतन करते रहते हैं। यह हमारा काम है।

विदेशी नेटवर्किंग दिशानिर्देशों की उद्योग ने आलोचना की है। आपका क्या मानना है?

जब हम दिशानिर्देश बनाते हैं तो यह पूरी तरह विश्वसनीय होने चाहिए। ये विभिन्न तरह की सोच के लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकते। हमें यह देखना होगा कि यह समाज और पेशे की समकालीन आवश्यकताओं की कसौटी पर खरा उतरता है या नहीं। हम इस पर विचार-विमर्श करेंगे और इसे परिषद के समक्ष रखेंगे। हम इसे इसी वित्त वर्ष में पूरा करने के लिए उत्सुक हैं।

सरकार नियमों को कम करने पर जोर दे रही है। आप संतुलन कैसे सुनिश्चित कर रहे हैं?

विनियमन घटाने और अपराध कम करने की अपेक्षा हमेशा बनी रहती है। हमें यह करना होगा। लेकिन लोग जो चाहते हैं, वैसा करने को उन्हें स्वतंत्र नहीं किया जा सकता है। हम विभिन्न मामलों के आधार पर फैसला कर सकते हैं। हमारा एक लचीला संस्थान है और हम अपने फैसले करते हैं। अगर उम्मीद की जा रही है तो हम उसे आगे बढ़ाएंगे।

सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कंपनी संशोधन विधेयक लाने की योजना बना रही है। क्या आप कोई सुझाव देंगे?

हम सुझाव देने पर काम कर रहे हैं और एक श्वेत पत्र बना रहे हैं। इसे हम सरकार के साथ साझा करेंगे। हमारा ध्यान ऑडिट गुणवत्ता में सुधार पर है। किसी भी स्तर पर ऑडिट गुणवत्ता कम नहीं होनी चाहिए।  किस तरह से ऑडिट हो रही है, इस पर अर्थव्यवस्था का संपूर्ण स्वस्थ वातावरण निर्भर होता है ऑडिट, गैर-ऑडिट के संदर्भ में अधिनियम की जरूरतों पर हम अध्ययन कर रहे हैं।

इंडसइंड बैंक और जेनसोल इंजीनियरिंग के मामलों में जांच की क्या स्थिति है?

काम चल रहा है। धोखाधड़ी के मूल कारण, क्या कोई गलत जानकारी है और इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं, यह निर्धारित करने के लिए वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड जांच कर रहा है। जरूरत पड़ने पर हम कंपनी से जानकारी मांगेंगे। यह एक विस्तृत रिपोर्ट होगी और फिर हम इस पर निर्णय लेंगे कि क्या करना है।

एमसीए पोर्टल वी3 में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। संस्थान स्थिति से कैसे निपट रहा है?

सभी तीन संस्थान कमियों को देखने के लिए पिछले सप्ताह मिले थे। एमसीए ने फाइलिंग की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है।
पोर्टल को ठीक करने को कहना आसान है, करने में मुश्किल आती है।

यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट में आईसीएआई शामिल था, उसमें इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाया गया?

परीक्षण और वास्तविक कार्यान्वयन में कुछ अंतर हो सकते हैं। परीक्षण के दौरान यह मोटे तौर पर काम कर रहा था।

आईसीएआई कंपनियों के लिए अनिवार्य आंतरिक ऑडिट का प्रस्ताव कर रहा है। क्या आपको लगता है कि एमएसएमई के लिए इन मानदंडों में ढील दी जानी चाहिए?

पहले हम देखेंगे कि किन कंपनियों से किस तरह की जानकारी की जरूरत है। उसके बाद मानक तय करेंगे।  आंतरिक ऑडिट प्रबंधन का काम है। यह मूल्यवर्धन और कमियों को उजागर करने के लिए है। हम इसे कमतर नहीं आंकना चाहते।

अपने क्षेत्र में एआई के उपयोग के लिए प्रोफेशनल्स कैसे तैयारी कर रहे हैं?

करीब 30,000 सीए अब एआई प्रशिक्षित हैं, जो आईसीएआई के सदस्य हैं। अब हम दूसरे स्तर का कोर्स भी लेकर आए हैं।

First Published : October 25, 2025 | 9:31 AM IST