प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
EPF खाताधारकों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अगर अब तक प्रॉविडेंट फंड निकालना आपको लंबी प्रक्रिया और कागजी झंझट वाला काम लगता था, तो जल्द ही यह तस्वीर बदल सकती है। श्रम मंत्रालय एक ऐसी सुविधा लाने की तैयारी में है, जिससे EPF की रकम ATM और UPI के जरिए निकालना संभव हो जाएगा। यह बदलाव मार्च 2026 से लागू हो सकता है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया के मुताबिक, सदस्य अभी भी अपनी EPF राशि का 75 प्रतिशत निकाल सकते हैं और आने वाले समय में निकासी की प्रक्रिया को और सरल बनाया जाएगा। इसका मकसद है कि लोगों को अपनी मेहनत की कमाई तक जल्दी और आसान पहुंच मिल सके।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने न्यूज वेबसाइट वनइंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “मैं आपको पहले ही बता रहा हूं कि मार्च 2026 से पहले मंत्रालय एक ऐसी सुविधा ला रहा है, जिसमें सदस्य ATM से अपनी EPF निकाल सकेंगे। मंत्रालय EPF निकासी को UPI से भी जोड़ेगा। इस नए कदम का मकसद सदस्यों के लिए फंड निकालना जितना संभव हो उतना सरल बनाना है। आजकल लोग रोजमर्रा के पैसे के लेनदेन में ATM और UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो EPF को भी उसी तरह जोड़ने की योजना है।”
उन्होंने दावा किया कि इससे सदस्यों को ऑनलाइन पोर्टल या एम्पलॉयर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। क्लेम सेटलमेंट में होने वाली देरी भी कम हो जाएगी।
अभी EPF निकालने के लिए कई फॉर्म भरने पड़ते हैं और काफी कागजी काम होता है। कई सदस्यों को यह प्रक्रिया मुश्किल लगती है और पैसे निकालने में देरी हो जाती है। मंत्री ने कहा कि EPF में जमा पैसा तो सदस्य का अपना होता है, लेकिन अलग-अलग फॉर्म भरने की वजह से कई लोगों को परेशानी होती है। इसी परेशानी को देखते हुए सरकार ATM और UPI से निकासी की सुविधा ला रही है।
Also Read: 31 दिसंबर तक बिलेटेड टैक्स रिटर्न फाइल का अंतिम मौका! लेट फीस, फाइन से लेकर ब्याज की पूरी जानकारी
यह सुविधा रोजाना की बैंकिंग आदतों से मैच करेगी। सदस्यों को अब लंबे इंतजार या ज्यादा डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। पैसे सीधे उनके रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट में आ जाएंगे।
यह नया प्लान हाल ही में आए सुधारों को और मजबूत बनाता है। अक्टूबर 2025 में EPFO ने कई बदलाव मंजूर किए थे, ताकि प्रॉविडेंट फंड का कामकाज ज्यादा पारदर्शी और आसान हो जाए। इसका मुख्य उद्देश्य था कि निकासी के क्लेम जल्दी सेटल हों और रिजेक्शन न हों।
पहले निकासी के नियम काफी उलझे हुए थे। हर कैटेगरी के अपने अलग शर्तें और लिमिट थीं। इससे लोगों को कन्फ्यूजन होता था और गलतियां हो जाती थीं। अब उन 13 अलग कैटेगरी को मिलाकर एक सरल ढांचा बना दिया गया है। इससे प्रोसेसिंग का समय कम हुआ और गलत आवेदनों की संख्या घटी है।
अब सदस्यों को अपनी मेहनत की कमाई निकालने में कम दिक्कत आएगी। सरकार का फोकस है कि EPF फंड सदस्यों तक आसानी से पहुंचे, बिना ज्यादा झंझट के।