facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राह

2025 के अंत तक भारत-यूरोपीय यूनियन FTA हो सकता है फाइनल, दोनों के बीच बातचीत में तेजी

व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने से भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

Last Updated- March 01, 2025 | 2:21 AM IST
India-UK FTA

व्यापार युद्ध में तेजी और भू-राजनीतिक ​स्थितियों में बदलाव की आशंका के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने आज मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने के लिए समय-सीमा तय कर दी। दोनों पक्षों ने लंबे समय से अटके एफटीए पर 2025 के अंत तक हस्ताक्षर की उम्मीद जताई है। व्यापार समझौते के साथ-साथ निवेश संरक्षण एवं भौगोलिक संकेतकों पर समझौते भी किए जाएंगे।

व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने से भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। इस बीच भू-राजनीतिक ​​​स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। काफी हद तक चीन पर निर्भर आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने पर जोर दिया जा रहा है। उधर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा बराबरी का शुल्क थोपे जाने की चेतावनी के कारण व्यापार युद्ध गहराने की आशंका पैदा हो गई है।

ऐसे में एफटीए वार्ता का समय काफी महत्त्वपूर्ण होगा क्योंकि भारत और अमेरिका अगले 7-8 महीनों में व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत शुरू करने की योजना बना रहे हैं। अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने से भारत अपने दो सबसे बड़े व्यापार भागीदारों के साथ एफटीए कर सकेगा। इससे व्यापार में द्विपक्षीय संबंधों के बढ़ते महत्त्व का पता चलता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने उनके साथ बैठक के बाद एक्स पर लिखा, ‘हमारी बातचीत में व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवाचार, कौशल विकास, मोबिलिटी एवं अन्य क्षेत्र शामिल थे। हम निवेश संबंधों को भी गहरा करना चाहते हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारा संकल्प सर्वोपरि है और इसकी झलक ग्रीन हाइड्रोजन, अक्षय ऊर्जा आदि पर हमारी चर्चाओं में दिखती है।’ लेयेन दो दिन की भारत यात्रा पर आई हैं। उनके साथ 21 देशों के यूरोपीय संघ आयुक्त भी आए हैं।

भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापक द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश समझौते (बीटीआईए) पर बातचीत 18 साल पहले शुरू हुई थी। मगर 15 दौर की चर्चाओं के बावजूद मतभेद बरकरार रहने पर बातचीत 2013 में रुक गई। उसके बाद जून 2022 में नए सिरे से वार्ता शुरू हुई, लेकिन 9 दौर की चर्चाओं के बाद भी प्रमुख मसलों पर मतभेद बना रहा। सितंबर में पिछले दौर की वार्ता के बाद इस समझौते का राजनीतिक स्तर पर मूल्यांकन किया जाना था। 

यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा कि व्यापार समूह भारत के अनुरोध पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है लेकिन कार, शराब, कृषि और सरकारी खरीद जैसे मुद्दों पर हमारी मांग अब भी बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि शराब पर कम शुल्क प्रमुख मांग है। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए कार और शराब दो बेहद महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हैं। इस​लिए मैं कहना चाहूंगा कि कार के मामले में किसी वादे के बगैर यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापार समझौता नहीं हो पाएगा। भारतीय पक्ष इसे भलीभांति समझता है, लेकिन इस पर जवाब उन्हें ही देना है।’

व्यापार समूह कृषि क्षेत्र में और विशेष रूप से फ्रांस एवं इटली जैसे देशों से आने वाले प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों के लिए ज्यादा बाजार चाहता है। व्यापार वार्ता की राह में सबसे बड़ी बाधा सतत विकास पर यूरोपीय संघ के रुख के बारे में भारत की चिंता रही है। यूरोपीय संघ कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम), वनों की कटाई का विनियमन करने वाला कानून और आपूर्ति श्रृंखला कानून लागू करने जा रहा है। भारत मानता है कि इससे उसका फायदा घट जाएगा क्योंकि इस प्रकार के नियम आखिरकार गैर-शुल्क बाधा बन जाएंगे। इससे भारत का निर्यात प्रभावित होगा। मगर भारत ने बुधवार को यूरोपीय संघ द्वारा घोषित सीबीएएम के लिए अपेक्षाकृत आसान अनुपालन मानदंडों का स्वागत भी किया है।

First Published - March 1, 2025 | 2:21 AM IST

संबंधित पोस्ट