HDFC Bank: ऐसा पहली बार होगा जब देश कोई घरेलू बैंक मर्जर पूरा करने के बाद दुनिया के सबसे मूल्यवान बैंकों में शुमार हो जाएगा। यह प्रतिष्ठित शीर्ष स्थानों पर कब्जा या मेजर हिस्सेदारी रखने वाले सबसे बड़े अमेरिकी और चीनी बैंकों के लिए एक नई चुनौती होगी।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड (HDFC Bank) और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प के मर्जर से एक ऐसा बैंक तैयार हुआ है जो इक्विटी बाजार पूंजीकरण में जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड और बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प के बाद चौथे स्थान पर है। इसकी वेल्यू लगभग 172 अरब डॉलर है।
1 जुलाई से प्रभावी होने वाले नजर के साथ एक तरह से नए एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के पास लगभग 12 करोड़ कस्टमर्स होंगे, जो कि जर्मनी की जनसंख्या से भी ज्यादा है। बैंक अपने शाखा नेटवर्क को 8,300 से अधिक तक बढ़ाएगा और इसी के साथ कुल कर्मचारियों की संख्या भी 177,000 हो जायेगी।
एचडीएफसी एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी और सिटीग्रुप इंक समेत अन्य बैंकों से आगे निकल गया है। बैंक 22 जून तक क्रमशः 62 अरब डॉलर और 79 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ अपने भारतीय समकक्ष भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को भी पीछे छोड़ देगा।
एचडीएफसी बैंक ने जमा राशि जुटाने में अपने प्रतिस्पर्धी बैंकों से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है और विलय बंधक ऋणदाता के मौजूदा ग्राहकों को समेटकर अपने जमा आधार को बढ़ाने का एक और मौका प्रदान करता है।