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पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में क्यों महीने की 5 तारीख से पहले करें निवेश

Last Updated- December 11, 2022 | 5:08 PM IST

लॉंग-टर्म निवेश के हिसाब से पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) आम लोगों के बीच बेहद पॉपुलर हैं। इनमे निवेश करने पर इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 की धारा 80C के तहत डिडक्शन का फायदा तो मिलता ही है, साथ ही इन पर मिलने वाले इंटरेस्ट (ब्याज) और मैच्योरिटी की रकम भी टैक्स-फ्री होती है। इन दोनो हीं योजनाओं में एक वित्त वर्ष में निवेश की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है।
 
खैर ये तो रही पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना से संबंधित कुछ बेसिक बातें जिनको लेकर निवेशक आम तौर पर जागरूक होते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को लेकर बिल्कुल सजग नहीं होते हैं कि आखिर पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना में वित्त वर्ष के दौरान निवेश का सबसे उपयुक्त समय कब  है। उन्हें यह पता नहीं होता कि इन दोनों योजनाओं पर ब्याज की गणना कैसे की जाती है। जबकि निवेश की तारीख मात्र के बदलाव से ही मैच्योरिटी पर मिलने वाले रिटर्न पर अच्छा-खासा असर पड़ जाता है।
 
इसलिए यहां पर खासकर ब्याज के कैलकुलेशन की ही बात करते हैं:
 
ब्याज का कैलकुलेशन
 
पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि सहित अन्य छोटी बचत योजनाओं (स्मॉल सेविंग्स स्कीम) पर सरकार हर तिमाही (क्वार्टरली) ब्याज दरों का निर्धारण करती है। मौजूदा जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज 7.1 फीसदी है, जबकि सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 फीसदी।
 
नियमों के मुताबिक इन दोनों बचत योजनाओं में हर महीने की 5 और अंतिम तारीख के बीच उपलब्ध मिनिमम बैलेंस पर ही ब्याज मिलता है। दिसंबर 2019 में हुए बदलाव के पहले सुकन्या समृद्धि योजना में हर महीने के दसवें दिन की समाप्ति और अंतिम दिन के बीच उपलब्ध मिनिमम बैलेंस पर ब्याज मिलता था।
 
इसका मतलब यह है कि अगर आप महीने की 5 तारीख से पहले या 5 तारीख तक इन दोनों योजनाओं में निवेश नहीं करते हैं तो आपको उस महीने के लिए ब्याज नहीं मिलेगा। इन दोनों बचत योजनाओं में ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है, लेकिन पूरा ब्याज वित्त वर्ष के अंतिम दिन यानी 31 मार्च को क्रेडिट होता है। इन दोनों योजनाओं में ब्याज की कंपाउंडिंग सालाना आधार पर होती है।

 
सलाह

अगर आप कर सकते हैं तो प्रत्येक वित्त वर्ष 5 अप्रैल तक या इससे पहले एकमुश्त निवेश करने की कोशिश करें। अगर प्रत्येक महीने करने में ज्यादा कम्फर्टेबल हैं तो कम से कम इसे महीने की 5 तारीख से पहले या 5 तारीख तक कर दें।

एक और सलाह यह है कि आप ऑनलाइन पेमेंट की कोशिश करें, ताकि निवेश की राशि आपके पीपीएफ अकाउंट में तुरंत क्रेडिट हो जाए। अगर आप चेक या डिमांड ड्राफ्ट से करेंगे तो 2010 में किए गए बदलाव के अनुसार पेमेंट के रियलाइजेशन यानी क्रेडिट की तारीख ही डिपॉजिट की तारीख मानी जाएगी। इसलिए अगर आप चेक या डिमांड ड्राफ्ट से पेमेंट करते भी हैं तो इतना पहले जरूर करें कि वह 5 तारीख तक क्रेडिट हो जाए।
 

First Published - August 2, 2022 | 2:18 PM IST

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