मुझे अपनी मां से 19 लाख रुपये के जेवर मिले हैं। क्या इस पर मुझे संपत्ति कर देना होगा? -सुष्मिता चट्टोपाध्याय
संपत्ति कर का भुगतान करना तब जरूरी होता है जब कर योग्य परिसंपत्ति की कीमत 15 लाख रुपये से ज्यादा की होती है। हां, कुछ स्थितियों मसलन आवासीय संपत्तियां, बैंकों में पडे पैसे एवं शेयर इस फेहरिस्त से बाहर हैं।
जहां तक आपका संबंध है तो चूंकि आपको जेवर मां से वंशानुगत संपत्ति के रूप में मिले हैं, लिहाजा इसे साबित करने वाले दस्तावेज आप अपने पास रखें। लेकिन आपको वंशानुगत संपत्ति पर रिटर्न फाइल करनी होगी। वैसे, 15 लाख रुपये तक की रकम पर कुछ भी नहीं लगेगा, जबकि उससे ऊपर की रकम पर कर के योग्य राशि पर एक फीसदी के साथ साथ तीन फीसदी एजुकेशन सेस (शुल्क) का भी भुगतान करना होगा।
मेरी नौ साल की बेटी ने एक संगीत प्रतियोगिता में कुल 10 लाख रुपये जीते हैं। इस जीती गई रकम पर मुझे कितना कर देना होगा ? दूसरी बात, मेरी पत्नी मुझसे ज्यादा कमाती है तो क्या यह पुरस्कार राशि मेरे या फिर मेरी पत्नी की आय के साथ जोड़ दी जाएगी? -डॉ. नरेंद्र ठक्कर, मुंबई
खेल एवं प्रतियोगिताओं में जीती गई रकम कर के योग्य होती है। लिहाजा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 115 बी के तहत कर के योग्य रकम पर 30 फीसदी सहित तीन फीसदी का एजुकेशन सेस यानी शिक्षा उपकर अदा करना पड़ता है।
आयोजक हालांकि पुरस्कार राशि आय कर काटकर ही देते हैं, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न में कुल पुरस्कार राशि को दिखाना जरूरी होता है जिससे यह पता चल सके कि आयोजक ने कुल कितनी राशि बतौर आयकर काटकर दी है क्योंकि काटी गई राशि भी आय का ही हिस्सा होती है।
ज्यादातर स्थितियों में नाबालिग की आय को उसके माता पिता की आय के साथ मिला दिया जाता है जिनकी आय अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। लेकिन उन स्थितियों में जब किसी नाबालिग के द्वारा अपने हुनर, प्रतिभा या फिर विशेष ज्ञान से या फिर हाथों से काम कर पुरस्कार राशि कमाई गई हो तो फिर उस स्थिति में कमाई गई राशि को माता पिता की आय में नहीं जोडा जाता है। लिहाजा, ऐसी स्थिति में उसका इनकम टैक्स रिटर्न अगल से आपके निर्देश में फाइल करना होगा।
मेरी मासिक आय 12,000 रुपये है। पिछले साल जुलाई में मैने पांच लाख रुपये का एक फ्लैट खरीदा था जिसे इस साल जनवरी में 10 लाख रुपये में बेच डाला। बिक्री से प्राप्त रकम मैंने एक कार्यालय के लिए जगह खरीदने में लगा दी। तो क्या फिर मुझे पहली बिक्री से ज्यादा की राशि पर आयकर देने की जरूरत होगी? – अनिल कांट्रैक्टर, नवसारी, गुजरात
आपने जैसा कि फ्लैट को इसकी खरीद से एक साल के भीतर ही बेच डाला, लिहाजा सरप्लस रकम शार्ट-टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में आएगी। अतएव, गणना में घर खरीदने में लगी पांच लाख रुपये की रकम को बिक्री मूल्य यानी 10 लाख रुपये से घटा लिया जाएगा।
आपको कुल 5 लाख रुपये का पूंजी मुनाफा हुआ है लिहाजा यह पूरा मुनाफा आपकी कुल आय में जोड़ दिया जाएगा। छूट के विभिन्न प्रावधानों के तहत आपको एप्लीकेबल दरों पर कर का भुगतान करना होगा।
2003 में मैंने एक प्लॉट खरीदने के लिए एक वित्तीय कंपनी से 50,000 रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन मैंने अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है जबकि मेरे नियोक्ता ने पिछले वित्तीय वर्ष में कर की गणना करने के दौरान कर्ज पर देने वाले ब्याज को नहीं घटाया था। यह इस आधार पर किया गया था कि कर्ज लेने के दो सालों के बाद ही ब्याज दरों में कमी या फिर कटौती के प्रावधान हैं। इस बारे में कानूनी स्थिति क्या है? – अजय शर्मा, कोटा, राजस्थान
होम लोन की ब्याज रकम पर उसी स्थिति में दावा किया जा सकता है जबकि घर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया हो। हालांकि गृह निर्माण से पहले ही अगर ब्याज रकम का भुगतान कर दिया गया हो तो फिर उसका गृह निर्माण के बाद बतौर छूट के रूप में दावा किया जा सकता है। इसे निर्माण कार्य पूरा होने के एक साल के भीतर पांच किस्तों में पूरा किया जाता है।
निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 1.5 लाख रुपये तक की छूट को बतौर ब्याज दावा किया जा सकता है। लेकिन अगर आप खरीदे गए घर को किराए पर लगा देते हैं तो फिर भुगतान किए जाने वाले ब्याज पर छूट नहीं मिलती।