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क्रॉम्पटन : विद्युत क्षेत्र में टनाटन

Last Updated- December 05, 2022 | 10:42 PM IST

विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी क्रॉप्टन ग्रीव्स वैश्विक बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत बना रही है और पहले किए गए कुछ अधिग्रहणों में से कुछ को पूरा करने में लगी हुई है।


जिनमें पीटी पॉवेल्स में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी भी शामिल है। कंपनी औद्योगिक क्षेत्र में और वैश्विक अधिग्रहणों के लिए संभावना तलाश रही है जिससे उसका पोर्टफोलियो का फर्क ठीक होगा। इन पहल से न सिर्फ कंपनी को और अधिक अवसर तलाशने में मदद मिलेगी बल्कि उत्पाद विकास और बेहतर प्रौद्योगिकियों में भी मदद मिलेगी।


देश में विद्युत क्षेत्र के समेकन और बेहतर उद्योग परिदृश्य के फायदों के साथ कंपनी अगले दो वर्षों के दौरान करीब 20-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल कर सकती है। इससे उसके लाभ में 40 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। कंपनी का कारोबार तीन खंडों में विभाजित है जिनमें कंपनी अपना अधिकांश राजस्व पावर सिस्टम्स (68 प्रतिशत), इंडस्ट्रियल सिस्टम्स (15 प्रतिशत) और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (17 प्रतिशत) से प्राप्त करती है। इसकी राजस्व बढ़ोतरी का विद्युत क्षेत्र के परिदृश्य से जुड़ी हुई है।


घरेलू बाजार में कंपनी को विद्युत क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवसर और निवेश भागीदारी की संभावना है। 2012 तक विद्युत उत्पादन क्षमता में 78,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता जोड़े जाने की योजना है। इसके लिए तकरीबन 300,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की जरूरत है। इससे क्रॉम्पटन ग्रीव्स जैसी कंपनियां लाभान्वित होंगी।


क्रॉम्पटन ग्रीव्स विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित विद्युत उत्पादों के निर्माण और डिजाइनिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में से एक है। कंपनी नागपुर शहर में विद्युत वितरण के लिए 2600 करोड़ रुपये का ठेका हासिल कर वितरण सेगमेंट में प्रवेश कर चुकी है। 


दूसरी तरफ औद्योगिक और उपभोक्ता उत्पाद सेगमेंट में क्रमश: 20 प्रतिशत और 15 प्रतिशत का इजाफा होने की संभावना है। औद्योगिक उत्पाद सेगमेंट में कंपनी के मोटर, अल्टरनेटर, ड्राइव, रेलवे ट्रांसपोर्टेशन और सिगनलिंग उपकरण शामिल हैं।


कंपनी ने अपनी औद्योगिक व्यापार प्रणालियों का वैश्विक तौर पर विस्तार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस उद्देश्य के लिए कंपनी वैश्विक बाजारों में उपयुक्त अधिग्रहण की संभावना तलाश रही है। कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सेगमेंट में पंखे, ल्युमिनरीज, पम्प और गीजर, मिक्सर, ग्राइंडर तथा टोस्टर जैसे घरेलू इलेक्ट्रिकल सामान शामिल हैं।


वैश्विक पहुंच


घरेलू मोर्चे पर स्थिति मजबूत बना चुकी यह कंपनी अतीत में कई वैश्विक अधिग्रहणों को भी अंजाम दे चुकी है। इन अधिग्रहणों का लाभ अगले दो-तीन वर्षों में दिखने की संभावना है। कंपनी ने पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और कनाडा में ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने के उद्देश्य से मई, 2005 में बेल्जियम की पाउवेल्स कंपनी में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी।


इसके बाद कंपनी ने पूर्वी यूरोपीय बाजारों में जीआईएस प्रौद्योगिकी से लैस होने के उद्देश्य से अक्टूबर 2006 में हंगरी की गैंज ट्रांसइलेक्ट्रो को खरीदा। कंपनी ने अपना तीसरा अधिग्रहण आयरलैंड में पूरा किया।


इसने इस क्षेत्र में अपनी इंजीनियरिंग और सब-स्टेशन ऑटोमेशन क्षमताओं में विस्तार के लिए मई 2007 में आयरलैंड की माइक्रोसोल होल्डिंग का अधिग्रहण किया।इक्रोसोल मध्यम और उच्च वोल्टेज वाले सब-स्टेशनों के लिए सब-स्टेशन ऑटोमेशन उपलब्ध कराने के कारोबार में लगी हुई है। माइक्रोसोल मौजूदा एवं नए सब-स्टेशनों को रेट्रो-फिटिंग सॉल्युशन भी मुहैया कराती है।


इन पहलों की बदौलत कंपनी आज न सिर्फ विदेशी बाजारों तक अपनी पहुंच बना चुकी है बल्कि विद्युत संबंधी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में अंतर को भी पाट चुकी है। कंपनी 4 प्रतिशत की बाजार भागीदारी के साथ वैश्विक तौर पर सातवीं सबसे बड़ी ट्रांसफॉर्मर निर्माता के रूप में उभरी है।


कंपनी विविध आवश्यकताओं के लिए ट्रांसफॉर्मर उत्पादों की संपूर्ण श्रृंखला मुहैया कराने में सक्षम है। बेल्जियम की कंपनी पुआवेल्स के अधिग्रहण से इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में मध्यम दर्जे के ट्रांसफॉर्मर (500 केवी की क्षमता) शामिल हुए हैं। इसके अलावा गैंज के अधिग्रहण से कंपनी को 750 केवी के ट्रांसफॉर्मर निर्माण में मदद मिली है।750 केवी क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मरों का घरेलू बाजार अनुमानित रूप से 400 करोड़ रुपये का है और इसमें 25-30 प्रतिशत का इजाफा होने की संभावना है।


कंपनी एक संपूर्ण सॉल्युशन प्रदाता के रूप में उभरी है जिसमें बड़ी विद्युत उपकरण परियोजनाओं का रखरखाव भी शामिल है। अतीत में खरीदी गई तीनों कंपनियों ने दिसंबर 2007 को समाप्त हुई 9 महीने की अवधि के लिए समेकित आधार पर तकरीबन 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की।  इसके परिणामस्वरूप इसके वैश्विक संचालन से हासिल होने वाले राजस्व में भी इजाफा हुआ है जिसकी कुल टर्नओवर में भागीदारी अब 40 प्रतिशत हो गई है।


कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2007 में इसका शुद्ध समेकित लाभ तकरीबन 237.5 करोड़ रुपये था जिसमें इन वैश्विक कंपनियों के अधिग्रहण के बाद वित्तीय वर्ष 2008 में 64.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इस बढ़ोतरी में पाउवेल्स कंपनी का योगदान सबसे अधिक रहा। वहीं गैंज और माइक्रोसोल होल्डिंग्स को भी वित्तीय वर्ष 2009 में अच्छा कारोबार होने की संभावना है।


मूल्यांकन


बेहतर उद्योग परिदृश्य के साथ मजबूत उत्पाद पोर्टफोलियो और तेजी से बढ़ती वैश्विक उपस्थिति की बदौलत कंपनी द्वारा भविष्य में अपने विकास अभियान को जारी रखने की संभावना है। कच्चे पदार्थों की बढ़ती कीमतों के बावजूद कंपनी को वित्तीय वर्ष 2008 की तीसरी तिमाही में तकरीबन 13 प्रतिशत मार्जिन की उम्मीद है।

First Published - April 20, 2008 | 11:24 PM IST

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