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मजबूत मार्जिन से बीमा कंपनियों के मुनाफे को दम, ULIP से परहेज और लागत नियंत्रण उपायों से मार्जिन में सुधार के आसार

उनकी लाभप्रदता को नए व्यवसाय की वैल्यू (वीएनबी) के आधार पर मापा जाता है, क्योंकि अ​धिक मार्जिन वाले, गैर-भागीदारी (नॉन-पार) योजनाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है।

Last Updated- July 14, 2025 | 11:24 PM IST
Insurance

विश्लेषकों का मानना है कि जीवन एवं सामान्य बीमा कंपनियां अ​धिक मार्जिन वाली योजनाओं की बढ़ती भागीदारी और बेहतर परिचालन दक्षताओं की मदद से वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में अपने मुनाफे में सुधार दर्ज कर सकती हैं। जीवन बीमा कंपनियों के बेहतर मुनाफा दर्ज करने की उम्मीद है। उनकी लाभप्रदता को नए व्यवसाय की वैल्यू (वीएनबी) के आधार पर मापा जाता है, क्योंकि अ​धिक मार्जिन वाले, गैर-भागीदारी (नॉन-पार) योजनाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है। पिछले वर्ष इसी अवधि में कम-मार्जिन वाली यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं (यूलिप) की कम हिस्सेदारी से आधार प्रभाव तैयार हुआ जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में मुनाफा मार्जिन के लिहाज से ज्यादा मददगार है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटीज के विश्लेषकों का कहना है, ‘बाजार सूत्र यूलिप से अलग कारोबारी मिश्रण में बदलाव का संकेत दे रहे हैं। पिछले साल यूलिप के पक्ष में वितरक प्रोत्साहन ज्यादा थे। इससे मुख्यतः मार्जिन में वृद्धि होगी। हमने यूलिप से परहेज को देखते हुए मार्जिन में लगभग 100-150 आधार अंक की वृद्धि का अनुमान लगाया है।’ हालांकि सरेंडर वैल्यू के नए मानकों और यूलिप की बढ़ती बिक्री की वजह से ऊंचा आधार बना। लिहाजा, जीवन बीमा कंपनियों का एनुअलाइज्ड प्रीमियम इ​क्विलेंट (एपीई) पिछले साल के मुकाबले जून तिमाही में सुस्त रहने का अनुमान है।

एमके ग्लोबल फाइनैं​शियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, ‘वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के ऊंचे आधार प्रभाव, सरेंडर के नए नियमों के असर और शेयर बाजारों में अस्थिरता के मद्देनजर यूलिप की बिक्री में मंदी के कारण वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के दौरान जीवन बीमा कंपनियों के लिए एपीई वृद्धि में नरमी की संभावना है।’

एमके के विश्लेषकों के आकलन के अनुसार निजी क्षेत्र की प्रमुख बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 27 फीसदी की वीएनबी मार्जिन दर्ज कर सकती है जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 26.8 फीसदी था। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कंपनी का मार्जिन 30.4 फीसदी था।

एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस का मार्जिन एक साल पहले के 25 फीसदी की तुलना में थोड़ा बढ़कर 25.5 फीसदी रहने की संभावना है। इस बीच, आईसीआईसीआई प्रूडें​शियल लाइफ इंश्योरेंस का मार्जिन 24.2 फीसदी रह सकता है जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 24 फीसदी था। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में यह 22.7 फीसदी था।

ऐ​क्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस का मार्जिन 17.5 प्रतिशत की तुलना में 18.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बीमा कंपनी का मार्जिन 28 प्रतिशत था। इसी तरह सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का मार्जिन पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 13.9 प्रतिशत से बढ़कर 15.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में एलआईसी का मार्जिन 18.75 फीसदी था।

First Published - July 14, 2025 | 11:05 PM IST

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