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कहते हैं विश्लेषक

Last Updated- December 07, 2022 | 8:04 AM IST

एनटीपीसी
सिफारिश -162 रु
मौजूदा भाव -155.70 रु
लक्ष्य-217 रु
ब्रोकर-अंबिट कैपिटल


एनटीपीसी देश में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी है और वह लगभग 29,394 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करती है। कंपनी की क्षमता 2012 तक 56,865 मेगावॉट तक पहुंच जाएगी।

कंपनी को निजी उपयोग के लिए कोयले की नौ खानें अलॉट की जा रही हैं। कंपनी पहले ब्लॉक को विकसित करने के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपयों का निवेश करेगी जिसका वाणिज्यिक उत्पादन वित्त्तीय वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही से चालू हो जाएगा। एक बार यदि कंपनी के ब्लॉक से उत्पादन शुरु हो गया तो एनटीपीसी अपनी जरुरत का 20 फीसदी कोयला अपनी खानों से ही प्राप्त कर लेगी। इस समय कंपनी के बिजली उत्पादन का 82 फीसदी हिस्सा कोयले पर आधारित है।

कंपनी अपनी क्षमता बढ़ाने का पूरा प्रयास कर रही है और वह वित्त्तीय वर्ष 2009 में 2,990 मेगावाट क्षमता जोड़ लेगी और वित्त्तीय वर्ष 2010 में 2,511 मेगावाट क्षमता और जोडेग़ी। एनटीपीसी का राजस्व 16 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से बढ़ने की संभावना है और इस प्रकार कंपनी का सीएजीआर 51,900 करोड़ के स्तर पर पहुंच जाएगा जबकि कंपनी का मुनाफा 13.2 फीसदी सीएजीआर की बढ़ोत्तरी के साथ 9,570 करोड़ के स्तर पर पहुंचने के आसार हैं।

मौजूदा 162 रुपये के भाव पर कंपनी के शेयर का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2010 में अनुमानित आय से 14 गुना के स्तर पर हो रहा है। लो फ्लोटिंग स्टॉक की वजह कंपनी के शेयर की बाजार में वकत है। कंपनी देश का 21 फीसदी बिजली उत्पादन करती है। इसे कोई चाहे तो खरीद सकता है।

हिमाद्रि केमिकल एंड इंडस्ट्रीज
सिफारिश -385 रु
मौजूदा भाव-392.80 रु
लक्ष्य-509 रु
बढ़त-29.6 फीसदी
ब्रोकर-पिंक रिसर्च

हिमाद्रि केमिकल एंड इंडस्ट्रीज का कारोबार कोलतार का संलयन करके टार पिच, क्रेयोसोट ऑयल और केमिकल ऑयल बनाने का है। कंपनी के पास अभी 169000 टन की क्षमता है और यह एल्युमीनियम और ग्रेफाइट की क्रमश: 70 फीसदी और 89 फीसदी जरुरतों को पूरा करती है। जब एल्युमिनियम और स्टील कंपनियां विश्व भर में अपनी क्षमता का तेजी से प्रसार कर रही हैं तो हिमाद्रि ने भी अपनी कुल क्षमता को 250000 टन तक बढ़ाने का निर्णय लिया है और कंपनी की योजना वित्तीय वर्ष 2010 तक अपनी क्षमता बढ़ाकर 570000 टन तक करने की है।

कंपनी आगे अपने मेसोफेस क्षमता को भी बढ़ाकर वित्त्तीय वर्ष 2009 की दूसरी तिमाही तक 650 टन के करीब कर देगी जबकि अभी कंपनी की क्षमता मात्र 32  टन है। कंपनी का कारबन ब्लैक उत्पादन भी वित्त्तीय वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही से चालू होने की आशा है। कंपनी की योजना 12 मेगावाट के प्लांट की स्थापना करने की है ताकि उसके प्लांट से निकली ऊर्जा का भी उपयोग किया जा सके।

कंपनी का कैपेक्स उसकी प्रतिस्पर्ध्दी कंपनियों से बेहतर है क्योंकि कंपनी लंबे समय से इन उत्पादों का निर्माण कर रही है और कम लागत में ये उत्पाद उपलब्ध कराती है। मौजूदा बाजार मूल्य 385 रुपए पर कंपनी के शेयर का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2010 में अनुमानित प्रति शेयर आय के 5.8 गुना के स्तर पर हो रहा है। 12 महीने के हिसाब से कोई निवेश करे तो एक साल में इस कंपनी के शेयर की कीमत के 509 रुपये तक पहुंचने के आसार हैं।

डिवि लैबोरेटीरीज
सिफारिश -1,358 रु
मौजूदा भाव-1399.30 रु
लक्ष्य-1833 रु
बढ़त-31 फीसदी
ब्रोकर-रेलीगेयर सिक्योरिटीज

एक्टिव फार्मास्युटिकल उत्पाद (एपीआई) बनाने वाली प्रमुख कंपनी डिवि लैबोरेटीरीज के पास नियंत्रित बाजार के लिए काफी अच्छे उत्पाद हैं जिससे कंपनी का भविष्य काफी अच्छा दिखता है। कंपनी के जेनेरिक एपीआई का राजस्व 21.6 फीसदी सीएजीआर के  साथ वित्त्तीय वर्ष 2008 से 2010 के बीच 760 करोड़ के करीब रहने के आसार हैं। सीसीएस (कस्टम केमिकल सिंथेसिस) में होने वाला लेन-देन कंपनी के कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखेगा।

डिवि की कुल बिक्री में सीसीएस की हिस्सेदारी वित्त्तीय वर्ष 2003 में जहां 25 फीसदी थी, वहीं वित्त्तीय वर्ष 2008 में यह 50 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। सीसीएस की बिक्री के 33 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से बढ़ने के आसार हैं। वैश्विक दृष्टि से स्वास्थ्यवर्धक दवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और इसके 1 अरब डॉलर के करीब पहुंचने के आसार हैं। क्योंकि इस सेक्टर में अभी कम ही कंपनियों का दखल है। इसलिए इसमें इस कंपनी के लिए काफी संभावनाएं हैं।

चूंकि इस कारोबार में प्रवेश करने के लिए कारोटेनाइड को जोड़ने का जटिल प्रक्रिया होती है। डिवि ने कारटेनोइड का सफलता से एकीकरण किया है और इसका वाणिज्यिक उत्पादन इसी महीने शुरु होने के आसार हैं। यह डिवि के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी बिक्री वित्त्तीय वर्ष 2009 तक 42 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच जाने के आसार हैं। इस सेक्टर में इबिडटा मार्जिन के भी करीब 40 फीसदी रहने के आसार हैं। डिवि की बॉटमलाइन के  भी 31 फीसदी सीएजीआर के साथ वित्त्तीय वर्ष 2008 से 2010 के बीच 600 करोड़ रुपए के करीब पहुंचने के आसार हैं।

इंडियन होटल कंपनी
सिफारिश -88 रुपए
मौजूदा भाव -82.55 रुपए
लक्ष्य-146 रुपए
बढ़त-76.9 फीसदी
ब्रोकर-शेयरखान

देश की सबसे बड़ी होटल कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी इस समय आक्रामक प्रसार अभियान पर है। कंपनी घरेलू और वैश्विक दोनों स्तरों पर अपना प्रसार अभियान चला रही है। कंपनी की योजना अनुषंगियों,एसोसिएट और संयुक्त उपक्रमों के जरिए  अपनी क्षमता 2,100 कमरों तक बढ़ाने की है। कंपनी के पास अभी 10,291 कमरों की क्षमता है।

कंपनी का कुल कैपेक्स 2,351 करोड़ रुपए है। इसमें कंपनी द्वारा बैंगलोर में 199 कमरों की क्षमता और चेन्नई में 215 कमरों की क्षमता वाले होटल बनाने की योजना भी शामिल है। कंपनी ताज लैंड्स इंड और ताज रेजीडेंसी की क्षमता भी 122 कमरों तक बढ़ाने की योजना है। ये होटल वित्त्तीय वर्ष तक चालू हो जाएंगे।

वित्त्तीय वर्ष 2008 में विदेशी पर्यटकों की संख्या 11.5 फीसदी बढ़कर 52 लाख होने वाली है। ऐसे में इन पर्यटकों की मांग की पूर्ति के लिए नए होटलों की जरुरत होगी। इसके अलावा पर्यटकों की संख्या के आगे भी 10 फीसदी के हिसाब से बढ़कर 57 लाख तक पहुंचने की आशा है। हालांकि ब्रोकरों का मानना है कि अर्थव्यवस्था में चल रही मंदी के बीच इन आकड़ों में कुछ कमी आ सकती है। इसलिए उन्होंने इस शेयर का लक्ष्य घटाकर 146 रुपये कर दिया है।

एडेलविस कैपिटल
सिफारिश -649 रु
मौजूदा भाव -697.85 रु
लक्ष्य-820 रु
बढ़त-17.5 फीसदी
ब्रोकर-प्रभुदास लीलाधर

एडेलविस कैपिटल देश की बड़ी डाइवर्सीफाइड कंपनियों में से एक है। कंपनी का मात्र 26 फीसदी राजस्व ब्रोकिंग के कारोबार से आता है और इसके वित्त्तीय वर्ष 2010 में गिरकर 20.4 फीसदी तक पहुंचने के आसार हैं। एडेलविस की बैलेंस सीट वित्त्तीय वर्ष 2005 से 2008 तक 288 फीसदी बढ़ी है। कंपनी की नेटवर्थ मार्च 2008 तक कुल  1,847 करोड़ रुपये रही है जबकि कंपनी का कुल ऋण 1,909 करोड़ रुपए के करीब है। मजबूत बैलेंस सीट और भविष्य की अच्छी संभावनाओं के चलते कंपनी के अगले दो सालों में तेजी से बढ़ने के आसार हैं।

4,234 करोड़ की बैलेंस सीट में कंपनी के पास 71 फीसदी नगदी, लिक्विड इन्वेस्टमेंट और ट्रेजरी इन्वेस्टमेंट के रुप में है। समकक्ष कंपनियों में एडेलविस का लिक्विडिटी पूल सबसे बेहतर है। अगले दो सालों में एडवांस बुक के बढ़ने के साथ अतिरिक्त लिक्विडिटी के कम होने के आसार हैं। जिससे कंपनी की कुल पूंजी क्षमता मजबूत होगी। कमजोर बाजार की वजह से कंपनी के राजस्व में 25.8 सीएजीआर की बढ़त की उम्मीद है। कंपनी का शेयर लंबी अवधि के निवेश के लिए इच्छुक निवेशकों केलिए बेहतर है। इसे 820 रुपये के लक्ष्य के लिहाज से खरीदा जा सकता है।

First Published - June 29, 2008 | 11:09 PM IST

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