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कहते हैं विश्लेषक

Last Updated- December 07, 2022 | 7:00 AM IST

जिंदल सॉ
सिफारिश : 574.05 रुपये
मौजूदा भाव: 571.90 रुपये
लक्ष्य मूल्य: 737.20 रुपये
बढ़त: 28.9 फीसदी
ब्रोकरेज: असित मेहता


पाइपों की कुल वैश्विक मांग अगले पांच सालों के भीतर कुल 74 अरब डॉलर की होने वाली है। दूसरी ओर पाइपों की घरेलू मांग कुल 5.5 अरब डॉलर की होने को है। जाहिर तौर पर भारतीय पाइप निर्माताओं के लिए भौगोलिक स्थिति का लाभ मिलना लाजिमी है।

लिहाजा संपूर्ण घरेलू मांग को पूरा करना भारतीय पाइप निर्माताओं के लिए कोई बड़ी बात नही होनी चाहिए। इस बाबत बढ़ते वैश्विक मांग के मद्देनजर जिंदल सॉ जो भारत की सबसे बड़ी पाइप निर्माता कंपनी है,अब अपनी क्षमता में इजाफे पर पूरा जोर लगा रही है।

कंपनी की मौजूदा क्षमता 12,50,000  टन है जिसे कंपनी बढ़ाकर 19,50,000 टन कर रही है। इस प्रकार अपने अमेरिकी ऑपरेशनों समेत डक्टाइल ऑयरन और सीमलेस प्लांट में और बेहतर कसरत के जरिए जिंदल सॉ अपने ऑपेरटिंग प्रॉफिट में इजाफे  लाने की ओर है। इस कसरत से जिंदल के ऑपरेटिंग मार्जिन  वाणिज्यिक वर्ष 2009 तक कुल 15.3 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकता है। इस बढ़ोत्तरी में सरकार द्वारा हालिया निर्यात कर को कम करने को भी शुक्रिया अदा किया जा सकता है।

मालूम हो कि मई 2008 में सरकार ने स्टील पाइप एवं टयूब से निर्यात शुल्क 10 फीसदी हटा लिया था। इस कदम से जिंदल सॉ को खासा फायदा पहुंचा क्योंकि इसके 60 फीसदी से ज्यादा के रेवेन्यू निर्यातजनित कारोबार से ही आ पाते हैं। इस दरम्यान जिंदल का कारोबार बिल्कुल पटरी पर है,क्योंकि जनवरी 2009 तक इसका कुल ऑर्डर बुक 1 अरब डॉलर का है,जबकि इस वक्त कंपनी का आर्डर बुक साल 2007 की सालाना बिक्री के 1.2 गुना के बराबर है।

जबकि इसका कमाई कीमत अनुपात वाणिज्यिक वर्ष 09 तक 81.9 रुपये हो जाने की उम्मीद है। इस कंपनी के शेयर 574 रुपये की दर पर वर्ष 2009 के आकलित कीमत कमाई अनुपात के 7.01 गुना पर कारोबार कर रहा है।

तानला सॉल्यूशन
सिफारिशछ : 264 रुपये
मौजूदा भाव: 249.75 रुपये
लक्षित मूल्य: 485 रुपये
बढ़त: 94.2 फीसदी
ब्रोकरेज: एचडीएफसी सेक्योरिटीज

तानला सॉल्यूशन लि. ने हाल ही में एक फिनलैंड स्थित ओपेनबिट नाम की मोबाइल एप्लीकेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में 85 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। ओपेनबिट का मुख्य कारोबार लाइसेंस समेत लाइसेंस मैनेजर के द्वारा होने वाले कारोबार से होता है। वाणिज्यिक वर्ष 2007 में इस कंपनी ने कुल 1 करोड़ से ज्यादा लाइसेंस बेचे हैं।

जाहिर तौर पर ओपेनबिट के अधिग्रहण से तानला के पोर्टफोलियो पेमेंट में निश्चित तौर पर बढ़त होगी। ऊपर से इस वक्त मीडिया और बिजनेस एप्लीकेशन तो बूम पर हैं ही इसके अलावा हैंडसेटों से सूचना के इस्तेमाल ज्यादा से ज् यादा होने के चलते तानला के कारोबार में इजाफे की निश्चित की जा सकती है। जो खासकर ब्रिटेन और आयरलैंड के बाजार के कारोबार से संबंधित है।

इन बाजारों के साथ दिलचस्प बात यह है कि अन्य बाजारों के मुकाबले इन दोनों देशों में  वास पर सबसे ज्यादा खर्च किया जाता है। तानला के इन देशों मे बाजार हिस्सेदारी को  देखा जाए तो सामूहिक रूप से कुल हिस्सेदारी 5 फीसदी की है। मूल्यांकन सीमाओं की बात करें तो इनके शेयर सस्ते प्रतीत होते हैं। खासकर,इबडीटा के 2.24 गुने के मद्देनजर।

अशोक लीलैंड
सिफारिश मूल्य: 33 रुपये
मौजूदा बाजार भाव: 33.30 रुपये
लक्ष्य मूल्य: 45 रुपये
बढ़त: 35.1 फीसदी
ब्रोकरेज: रिलायंस मनी

वाणिज्यिक व्हीकल्स की श्रेणी में अशोका लीलैंड दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर है जिसकी टाटा मोटर्स के बाद सबसे ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी कुल 28 फीसदी का है। इसके अलावा तेल की आग लगाती कीमतों के चलते लोग अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ज्यादा इस्तेमाल करना शुरू करें।

कंपनी का प्रबंधन यह सोचता है कि वित्तीय वर्ष 2009 में बसों के बाजार का दुगुना होने की उम्मीद है। लिहाजा,कंपनी तीन नए मॉडलों को लांच करने की योजना बना रहा है,जो बस और ट्रक दोनो सेगमेंटों में होगा। इसके अलावा कं पनी आईबस मॉडल के साथ भी उतरने की योजना बना चुकी है। इस बाबत कंपनी अगले तीन सालों के भीतर कुल 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

इस निवेश के द्वारा कंपनी अपनी 84,000 गाड़िया प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता को वित्तीय वर्ष 2010 तक 1,84,000 गाड़ियां प्रति वर्ष करेगी। कंपनी के शेयर इस वक्त 33 रुपये की दर पर वित्तीय वर्ष 09 के आकलित कमाई का 10.3 गुना पर कारोबार कर रहा है। इस वक्त अगर अशोक लीलैंड के शेयरों को हालिया करेक् शनों के मद्देनजर देखा जाए तो इसके शेयरों के लिए मौजूदा स्तर पर काफी कम डाउनसाइड रिस्क है।

प्लेथिको फार्मास्यूटिकल्स
सिफारिश : 355 रुपये
मौजूदा भाव: 357.15 रुपये
लक्ष्य मूल्य: 569 रुपये
बढ़त: 59.3 फीसदी
ब्रोकरेज: एमके शेयर एंड स्टॉक ब्रोकरेज

भारतीय दवा बाजार में जेनेरिक दवाओं के लिए उपलब्ध निर्यात अवसरों के लिए मची मारामारी के बीच प्लेथिको फार्मास्यूटिकल लि. यानी प्लथिको ने बिल्कुल दूसरा रास्ता अपनाया है। इसने अपना सारा ध्यान हर्बल्स और न्यूट्रैस्यूटिकल्स पर लगा रखा है। खासकर इस कंपनी ने इन दवा श्रेणियों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार की ओर ध्यान लगा रखा है।

प्लेथिको ने इसी बीच नैट्रोल नामक कंपनी का अधिग्रहण किया है जो अमेरिक ी बाजारों में न्यूट्रिशन्ल प्रॉडक्टों की सबसे  प्रमुख निर्माता कंपनी है। प्लेथिको इसके अलावा भारत में नैट्रोल के सबसे बेहतर ब्रांड को भारत में निर्माण एवं बिक्री की तैयारी कर रहा है। इस प्रकार,कंपनी अपने मार्जिन को बढ़ाने की कवायद में पूरी तरह से लग चुका है। मालूम हो कि कंपनी के मेडिकेटेड लॉजेंगेज एंड कंफे शनरी हमेशा से बेहतर रेवेन्यू देने वाले सेगमेंट रहे हैं।

खासकर दोनों सेगमेंटों की मांग में जबरदस्त इजाफा होने के कारण कंपनी ने दुबई में भी एक नए प्लांट की स्थापना करने की योजना बनाई है। इस नए यूनिट को कॉमनवेल्थ इंडिपेंडेट राज्यों समेत यूरोप एवं अफ्रीका में जीरो-टैक्स बेनिफिट का भी लाभ मिलेगा। इस प्लांट के 2010 तक शुरू हो जाने की पूरी उम्मीद है। कंपनी के शेयर इस वक्त वित्तीय वर्ष 2009 के अनुमानित कीमत कमाई अनुपात के 6.9 गुना पर कारोबार कर रहे हैं।

इंद्रप्रस्थ गैस
सिफारिश : 119 रुपये
मौजूदा भाव: 122.85 रुपये
लक्ष्य मूल्य: 150 रुपये
बढ़त: 22.1 फीसदी
ब्रोकरेज: कोटक सिक्योरिटीज

इंद्रप्रस्थ गैस(आईजीएल),जीआईएल,बीपीसीएल समेत दिल्ली सरकार का संयुक्त उपक्रम है। इस कंपनी का नई दिल्ली समेत राष्टीय राजधानी क्षेत्र नोएडा,गुड़गांव समेत फरीदाबाद में सीएनजी आपूर्ति को लेकर एकाधिकार है।

इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कंपनी के रेवेन्यू में कुल 15 फीसदी यानि 707 करोड़ रुपयों के साल दर साल आधार पर इजाफा हुआ है। जबकि इसकी कमाई में साल दर साल आधार पर कुल 26.5 फीसदी का इजाफा दर्ज करते हुए कुल 174.5 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। यह आंकड़ें मार्च 2008 तक के हैं जिसमें एबडीटा मार्जिन 42.5 फीसदी का है।

मालूम हो कि आईजीएल ने अपने सीएनजी डिस्पेंशन नेटवर्क  के विस्तार के लिए एक योजना बनाई थी। इसके अलावा उसने पाइप के जरिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए भी योजना बनाई थी,जिसका अहम उद्देश्य कॉमनवेल्थ खेल गांव में खेलों के दौरान ऊर्जा की आपूर्ति करना था। इसके अलावा पेट्रोलियम मंत्रालय ने आईजीएल को बिना पीएनजीआरबी के अनुमति के बिना अपने सीएनजी और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए नेटवर्क बनाने की अनुमति दे दी है।

यह नेटवर्क दिल्ली समेत एनसीआर इलाकों में करनी है। यह फैसला केंद्र सरकार के उस कदम के आलोक में आया है जिसमें कें द्र सरकार ने दस साल पहले आईजीएल को इन इलाकों में गैस की आपूर्ति करने की अनुमति दी थी। इसके अलावा आईजीएल को मंत्रालय से भी इस बात की अनुमति मिली थी कि इसे अब पीएनजीआरबी से अनुमति लेने की कोई जरु रत नही है। 119 रुपये पर कंपनी के शेयर वित्तीय वर्ष 2009 के अनुमानित नकद कमाई के 6.2 गुना,कमाई के 8.7 गुना और इबीआईडीटीए के 4.8 गुना पर कारोबार कर रहा है।

First Published - June 23, 2008 | 12:05 AM IST

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