वित्त मंत्रालय ने सफारी रिट्रीट मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ मंगलवार को शीर्ष न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की है। इस फैसले में किराये की संपत्तियों के निर्माण लागत पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावे की अनुमति दी गई थी। शीर्ष न्यायालय के इस फैसले को सरकार अब पलटना चाहती है।
यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब पिछले महीने जीएसटी परिषद ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटते हुए सीजीएसटी अधिनियम में पिछली तारीख से संशोधन की सिफारिश की थी। इस संशोधन का मकसद सीजीएसटी ऐक्ट, 2017 की धारा 17 (5) में संशोधन कर शब्दावली में बदलाव करते हुए ‘प्लांट या मशीनरी’ की जगह ‘प्लांट और मशीनरी’ करना है।
अगर यह बदलाव हो जाता है तो इसे 1 जुलाई 2017 की तिथि से लागू किया जाएगा और इससे कानून में दिए गए शब्द की व्याख्या में स्पष्टता व निरंतरता आ सकेगी। अधिकारी ने कहा, ‘सरकार समीक्षा याचिका दायर कर अपना पक्ष मजबूत करना चाहती है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उच्चतम न्यायालय का फैसला विधायी मंशा के अनुरूप है और प्रस्तावित पूर्वव्यापी संशोधन लागू करने में स्पष्टता आ सके।’