facebookmetapixel
FY26 में 6.5% की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, अमेरिकी टैरिफ का निर्यात पर होगा असर: ADBकहीं आप भी गरीबी मानसिकता का शिकार तो नहीं, एक्सपर्ट ने बताए जिंदगी बदलने वाले टिप्सभारतीय फार्मा सेक्टर को अमेरिका की बेरुखी के बीच चीन का सहारा, Cipla समेत इन स्टॉक्स को होगा फायदा!सोने-चांदी ने फिर बनाया नया हाई, MCX पर गोल्ड की कीमत ₹1.17 लाख के पारभारत के अमीरों की रफ्तार किसी से कम नहीं, लग्जरी और विदेशी निवेश में टॉप परट्रंप और नेतन्याहू गाजा युद्ध समाप्त करने की योजना पर सहमत, हमास से 72 घंटे में बंधकों को रिहा करने को कहाएक क्रेडिट कार्ड से दूसरे का बिल कैसे चुकाएं? जानें आसान और सुरक्षित तरीकेपीएम मोदी ने ट्रंप के गाजा शांति प्रस्ताव का स्वागत किया, कहा- दीर्घकालिक शांति के लिए व्यावहारिक रास्ताएनालिस्ट मीट के बाद Tata Motors पर 3 ब्रोकरेज का बड़ा अपडेट! टारगेट ₹750 तक, जानें क्या है भविष्य का प्लानCable & wire stocks पर मोतीलाल ओसवाल बुलिश, ₹8,750 तक के दिए टारगेट

Safari Retreat case: सफारी रिट्रीट फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका

सरकार ने जीएसटी नियमों में स्पष्टता लाने और इनपुट टैक्स क्रेडिट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की कवायद तेज की

Last Updated- January 08, 2025 | 10:22 PM IST
Supreme Court

वित्त मंत्रालय ने सफारी रिट्रीट मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ मंगलवार को शीर्ष न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की है। इस फैसले में किराये की संपत्तियों के निर्माण लागत पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावे की अनुमति दी गई थी। शीर्ष न्यायालय के इस फैसले को सरकार अब पलटना चाहती है।

यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब पिछले महीने जीएसटी परिषद ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटते हुए सीजीएसटी अधिनियम में पिछली तारीख से संशोधन की सिफारिश की थी। इस संशोधन का मकसद सीजीएसटी ऐक्ट, 2017 की धारा 17 (5) में संशोधन कर शब्दावली में बदलाव करते हुए ‘प्लांट या मशीनरी’ की जगह ‘प्लांट और मशीनरी’ करना है।

अगर यह बदलाव हो जाता है तो इसे 1 जुलाई 2017 की तिथि से लागू किया जाएगा और इससे कानून में दिए गए शब्द की व्याख्या में स्पष्टता व निरंतरता आ सकेगी। अधिकारी ने कहा, ‘सरकार समीक्षा याचिका दायर कर अपना पक्ष मजबूत करना चाहती है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उच्चतम न्यायालय का फैसला विधायी मंशा के अनुरूप है और प्रस्तावित पूर्वव्यापी संशोधन लागू करने में स्पष्टता आ सके।’

First Published - January 8, 2025 | 10:22 PM IST

संबंधित पोस्ट