मंगलवार को आम बजट में वैयक्तिक एजेंटों को मिले बीमा कमीशन और परिपक्वता पर जीवन बीमा पॉलिसी के तहत मिले बोनस या पूरी रकम के भुगतान पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) में कमी करने का प्रस्ताव रखा गया। वैयक्तिक एजेंटों से स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस को मौजूदा 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी करने की सिफारिश की गई है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।
इसी तरह जीवन बीमा पॉलिसियों पर बोनस के भुगतान या 10 डी के तहत कुल आय में शामिल न किए जाने वाले को छोड़कर बाकी फंड के भुगतान पर टीडीएस को 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी पर लाने का प्रस्ताव है, जो 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा।
इस कदम से ब्रोकरों व पॉलिसीधारकों को ज्यादा नकदी सुनिश्चित हो सकेगी। वैयक्तिक एजेंटों को बीमा कमीशन पर टीडीएस को 5 फीसदी से 2 फीसदी किए जाने से ऐसे लोगों के हाथ में अतिरिक्त आय सुनिश्चित होगी, जिसका भुगतान बीमा कंपनियां करती हैं।
परिपक्वता पर जीवन बीमा पॉलिसी पर बोनस भुगतान पर टीडीएस को घटाकर 2 फीसदी किए जाने से वैयक्तिक पॉलिसीधारकों के हाथ में ज्यादा प्राप्ति सुनिश्चित होगी। यह कहना है गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस के मुख्य निवेश अधिकारी परिमल हेडा का।
इसके अलावा बजट में जीएसटी परिषद के उस विचार को दोहराया गया है कि प्रमुख बीमा कंपनी की तरफ से करार के तहत सहयोगी बीमा कंपनी के साथ प्रीमियम साझा करना या पुनर्बीमा कंपनियों को बीमा कंपनी की तरफ से सेवा देने को वस्तु एवं सेवा की आपूर्ति नहीं मानी जाएगी।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास ऐंड कंपनी की पार्टनर (बीमा व पुनर्बीमा) शैलजा लाल ने कहा, यह मसला जीएसटी प्राधिकरणों व बीमा कंपनियों के बीच पिछले कई साल से विवाद का विषय रहा है और बीमा क्षेत्र के लिए यह स्वागतयोग्य स्पष्टीकरण है क्योंकि ऐसी व्यवस्था पर संभावित जीएसटी भुगतान का भारी बोझ अब हट जाएगा।