वित्त-बीमा

FY25 कम हुए बैंक फ्रॉड केस, मगर ठगी की रकम में तीन गुना इजाफा; अपराधियों ने ₹36,014 करोड़ का लगाया चूना

RBI annual report: FY25 में बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी की 23,953 घटनाएं हुईं। यह वित्त वर्ष 2024 से 34% कम है। हालांकि, धोखाधड़ी में शामिल राशि बढ़कर ₹36,014 करोड़ रुपये हो गयी।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- May 29, 2025 | 3:22 PM IST

RBI Annual Report: देश में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान बैंक फ्रॉड की घटनाओं में भले ही कमी आई हो लेकिन इनकी रकम में भारी भरकम इजाफा हुआ है। आरबीआई ने गुरुवार को जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देशभर में बैंक धोखाधड़ी में कमी आई है। हालांकि, इसमें शामिल राशि लगभग तीन गुना बढ़ गई है। साथ ही ज्यादातर मामले डिजिटल भुगतान में हुए हैं।

केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने फ्रॉड के ज्यादा मामले दर्ज किए। मगर सरकारी बैंकों का धोखाधड़ी की राशि में “अधिकतम योगदान” रहा।

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FY25 में बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी की 23,953 घटनाएं हुईं: RBI

आरबीआई की वित्त वर्ष 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी की 23,953 घटनाएं हुईं। यह वित्त वर्ष 2024 से 34 प्रतिशत कम है। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 में धोखाधड़ी में शामिल राशि बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये हो गयी। यह लगभग तीन गुना ज्यादा है।

रिपोर्ट में कहा गया, “वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 के दौरान रिपोर्ट की गई कुल धोखाधड़ी में शामिल राशि में वृद्धि हुई है। इस वृद्धि का मुख्य कारण पिछले वित्त वर्षों के दौरान रिपोर्ट किए गए ₹18,674 करोड़ की राशि के 122 मामलों का फिर से धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकरण किया जाना है। यह कदम 27 मार्च, 2023 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया। इन मामलों की दोबारा जांच की गई और चालू वित्त वर्ष के दौरान इन्हें नए सिरे से रिपोर्ट किया गया।”

आरबीआई (RBI) की तरफ से रिपोर्ट किए गए डेटा 1 लाख रुपये और उससे ज़्यादा की धोखाधड़ी के लिए हैं। इसके अलावा, एक साल में रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी रिपोर्टिंग के साल से कई साल पहले हुई हो सकती है।

वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने धोखाधड़ी के सबसे ज़्यादा 14,233 मामले दर्ज किए। यह बैंकिंग सेक्टर के सभी मामलों का 59.4 प्रतिशत है। सरकारी बैंकों ने 6,935 मामले (29 प्रतिशत) दर्ज किए, लेकिन इसमें शामिल राशि ₹25,667 करोड़ (कुल का 71.3 प्रतिशत) ज़्यादा थी। जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने ₹10,088 करोड़ की धोखाधड़ी की रिपोर्ट की।

First Published : May 29, 2025 | 3:03 PM IST