भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा है कि चूंकि Climate Change का असर कीमतों और वित्तीय स्थिरता पर पड़ता है, इसलिए इससे उभरने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए नियामकीय उपाय किए जाने की जरूरत है।
वित्तीय प्रणाली और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव इस बात पर निर्भर करते हैं कि इस जोखिम से बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। राव ने इंस्टीट्यूट आूफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) की ओर से बीते 29 नवंबर को आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यह राय व्यक्त की थी। आरबीआई ने 4 दिसंबर को उनके भाषण के अंश जारी किए हैं।
राव ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक इस दिशा में सक्रियता से काम कर रहा है और उसने इसके लिए तमाम बैंकों के साथ मिलकर एक समर्पित समूह बनाया है ताकि जलवायु परिवर्तन के जोखिम का आकलन कर उससे निपटा जा सके एवं वित्तीय व्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके।