facebookmetapixel
बिहार विधानसभा चुनाव का असर: श्रमिकों की कमी से ठिठका उद्योग-जगत का पहियाडीएलएफ की बिक्री में उछाल, लेकिन नई लॉंचिंग से ही कायम रह पाएगी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट ने कहा– AGR मामले का आदेश सिर्फ वोडाफोन आइडिया पर ही होगा लागूSBI का मुनाफा 10% बढ़कर ₹20,160 करोड़, येस बैंक में हिस्सेदारी बिक्री से हुआ फायदाEditorial: इन्वेंटरी आधारित ईकॉमर्स में एफडीआई को मिले इजाजतकिसकी नैया पार लगाएंगे मल्लाह! राजग और महागठबंधन दोनों धड़े कर रहे हर मुमकिन कोशिशविचारों से उद्योग तक: रिसर्च लैब्स कैसे दे सकती हैं भारत की ‘ग्रीन फ्रंटियर’ को गतिअसंगठित उपक्रमों का जाल: औपचारिक नौकरियों की बढ़ोतरी में क्या है रुकावट?मेटा-व्हाट्सऐप मामले में सीसीआई का आदेश खारिजदिग्गज कारोबारी गोपीचंद हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में निधन, उद्योग जगत ने दी श्रद्धांजलि

पेटीएम पेमेंट्स बैंक PMLA के तहत संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने में विफल रहा: FIU

Paytm Payment Bank: FIU ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।

Last Updated- March 05, 2024 | 6:29 PM IST
पेटीएम पेमेंट्स बैंक का सफर होगा खत्म, FASTag बदलने की सलाह, Paytm Payments Bank's journey will end, advice to change FASTag

पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payment Bank) धन शोधन रोधक कानून (PMLA) के तहत संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने और उसकी सूचना देने के लिए एक आंतरिक व्यवस्था बनाने में विफल रहा। वित्तीय आसूचना इकाई (FIU) ने अपने आदेश में यह बात कहने के साथ ही जोड़ा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने अपनी भुगतान सेवा में उचित जांच प्रक्रिया का पालन नही किया। उसने फिनटेक कंपनी पर 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।

वित्तीय खुफिया जानकारी जमा करने वाली संघीय एजेंसी ने अपने एक मार्च के आदेश में कहा कि बैंक के खिलाफ ये आरोप चार से अधिक की जांच के बाद पुष्ट किए गए थे। इस संबंध में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 14 फरवरी, 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उस समय केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एफआईयू की कार्रवाई पर एक बयान जारी किया था। इसके बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रवक्ता ने कहा था कि जुर्माना एक कारोबारी खंड से संबंधित है, जिसे दो साल पहले बंद कर दिया गया था।

Also read: Paytm ने पेमेंट्स बैंक से नाता तोड़ा, निर्भरता कम करने के लिए उठाया कदम

पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को रिजर्व बैंक ने 29 फरवरी से ग्राहकों से नई जमा स्वीकार करना बंद करने का आदेश दिया था। इस समयसीमा को बाद में बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया। पीटीआई-भाषा ने एफआईयू का सारांश आदेश देखा है। इसमें कहा गया है कि संकटग्रस्त पेटीएम इकाई के खिलाफ कार्यवाही 2020 में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा यह बात पता लगाने के बाद शुरू हुई थी कि विदेश से जुड़े व्यक्तियों के गठजोड़ के तहत कई व्यवसायों द्वारा व्यापक अवैध गतिविधियां की गईं।

इसके बाद हैदराबाद पुलिस की साइबर अपराध इकाई ने आईपीसी और तेलंगाना राज्य जुआ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया। एफआईयू ने कहा कि जांच के दौरान उसे ऐसी रिपोर्ट मिलीं, जिनमें कहा गया था कि इन संस्थाओं ने जुआ, डेटिंग और स्ट्रीमिंग सेवाओं के जरिये लाखों भारतीयों को धोखा दिया, जो गैरकानूनी है।

First Published - March 5, 2024 | 6:29 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट