ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) शेयर बाजार में जनवरी के बाद आई 29 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के बावजूद आईपीओ लाने की योजना बना रही है।
हालांकि, ओआईएल का आईपीओ इस वर्ष फरवरी में आने वाला था।इसमें कुछ महीनों का विलंब हो सकता है। बाजार की अस्थिरता को देखते हुए ओआईएल का आईपीओ अनिश्चित काल के लिए टलने के संदर्भ में कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एम आर पसरीजा ने कहा,’हमारी बुनियाद मजबूत है। पेट्रोलियम की अधिक मांग लगातार बनी रहेगी।’ उन्होंने कहा कि क्रूड तेल की कीमतों में वृध्दि का मतलब है कि कंपनी की शुध्द आय मजबूत रहेगी। पिछले महीने क्रूड तेल की कीमत लगभग 100 डॉलर प्रति बैरल के इर्द गिर्द थी।
हालांकि उन्होंने एक निश्चित समयावधि नहीं बताई कि कंपनी का आईपीओ कब आएगा क्योंकि कंपनी को सरकार के जवाब का इंतजार है।सोमवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज के ऑयल ऐंड गैस का सूचकांक 9,730.91 अंक के स्तर पर था। इस वर्ष एक जनवरी को यह सूचकांक 13,730.91 अंकों के स्तर पर था और तबसे सोमवार तक इसमें 26.73 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस अवधि में बेंचमार्क, सेंसेक्स में 24.69 प्रतिशत की गिरावट आई।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि ओआईएल के शेयरों की बिक्री को अनिश्चित काल के लिए टाला जा सकता है क्योंकि सरकार नहीं चाहती है कि कंपनी बाजार की कमजोर अवस्था के दौरान इसमें प्रवेश करे।एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘इसके अतिरिक्त, चूंकि ओआईएल अभी तक अनुच्छेद 49 के मानकों को पूरा नहीं कर पाई है और चुनाव भी जल्दी होने की संभावना है इसलिए शीघ्र ही किसी भी समय आईपीओ लाने की संभावना कम जान पड़ती है।’
कंपनी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शेयरों की बिक्री को टालने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ‘हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि हमारे लीड प्रबंधक हमें क्या करने की सलाह देते हैं।’ ओआईएल ने जेएम मॉर्गन स्टैनली, सिटीग्रुप और एचएसबीसी सिक्योरिटीज को अपने इश्यू का बुक रनिंग लीड प्रबंधक नियुक्त किया है।
ओआईएल की योजना इस वर्ष के फरवरी महीने में अपने 10 प्रतिशत शेयरों की सार्वजनिक पेशकश कर लगभग 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की थी। हालांकि, कंपनी निर्धारित तारीख को अपना आईपीओ नहीं ला सकी क्योंकि सूचीबध्दता समझौते के अनुच्छेद 49 की जरूरतों को यह अभी तक पूरी नहीं कर पाई है।अनुच्छेद 49 के मुताबिक यह जरूरी है कि एक कार्यकारी अध्यक्ष वाली कंपनी के बोर्ड में आधे स्वतंत्र निदेशक के पद वाले हों।
पसरीजा ने कहा, ‘हम पेट्रोलियम मंत्रालय से स्वतंत्र निदेशकों के नामों के समर्थन का इंतजार कर रहे हैं।’उन्होंने कहा कि कंपनी को अभी भी शेयर की बिक्री से अच्छे पैसे जुटाने की उम्मीद है। कंपनी का रिजर्व रिप्लेसमेंट अनुपात लगभग दो है जबकि बड़ी वैश्विक तेल कंपनियों का रिजर्व रिप्लेसमेंट अनुपात एक के आसपास है।
वर्ष 2008-09 में कंपनी का लक्ष्य घरेलू क्षेत्र से 35 लाख टन तेल का उत्पादन करने का है और इस वित्त वर्ष में तेल की खोज और उत्पादन में 2,200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। वर्ष 2006-07 में ओआईएल ने 31.1 लाख टन तेल का उत्पादन किया था।
सरकार भी ओआईएल में अपनी 10 प्रतिशत की इक्विटी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को बेचने की योजना बना रही है। इन तीन कंपनियों को शेयर बेचे जाने से तकरीबन 2,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकेंगे।