भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने चालू वित्तीय वर्ष में जारी और कुछ नई परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए 28,000 क रोड रुपये खर्च करने की योजना बना रही है।
इस खर्च की जाने वाली राशि को प्राप्त करने के लिए एनएचएआई ने एशिया विकास बैंक (एडीबी) से 400 करोड रुपये बतौर ऋण लेने की भी सोच रही है। यह राशि बजट में आबंटित 1,900 करोड रुपये की राशि के अतिरिक्त होगी। एनएचएआई को केंद्र सरकार से विभिन्न संस्थाओं से 1,900 करोड़ रुपये प्राप्त होने की भी संभावना है।
इसके अलावा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत निजी क्षेत्रों की कंपनियों से भी 14,000 करोड़ रुपये आने की संभावना है और ऊर्जा पर लग रहे उपकरों से भी 700 करोड रुपये की उगाही की संभावना है।
कर रियायत की धारा 54ईसी के तहत मुक्त पूंजी लाभ बॉन्ड खरीदकर भी 3,700 करोड रुपये बचाने की एनएचएआई की योजना है। जैसे ही वित्त विधेयक संसद में पारित होता है,उसी के साथ नये 54 ईसी कर मुक्त बॉन्ड के लॉन्च होने की संभावना है। इसके लॉन्च होने के बाद वर्तमान परिस्थितियों में काफी तब्दीली आने की उम्मीद है। पिछले साल इस बॉन्ड को बेचकर एनएचएआई ने 200 करोड रुपये इकट्ठे किए थे और 31 मार्च 2008 तक 300 करोड़ रुपये और जमा होने की संभावना है।
एनएचएआई के वित्त कमिटी के सदस्य दीदार सिंह ने कहा कि वे काफी अच्छे स्थिति में हैं और उनके पास परियोजनाओं को सुचारु रुप से चलाने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं।एनएचएआई के कुछ चल रही परियोजनाओं में 56.25 किलोमीटर लंबी गढ़मुक्तेश्वर-मुरादाबाद एक्सप्रेस वे, 32 किलोमीटर लंबी चेन्नई बाईपास फेज-2, 63.89 किलोमीटर लंबी तोवारामकुर्ची-मदुरै, 15 किलोमीटर लंबी चेन्नई-एन्नौर एक्सप्रेस वे , 14.35 किलोमीटर लंबी जवाहर लाल नेहरु पोर्ट फेज-2 आदि शामिल है।
2005 में विनिर्माण पर कमिटी ने योजना के तहत एनएचडीपी के अंतर्गत अनुबंधों पर 2012 तक 2,20,000 करोड रुपये देने की सिफारिश की है। योजना के मुताबिक एनएचडीपी के फेज 1, फेज 3 और फेज 5 के दिसंबर 2012 तक और एनएचडीपी के फेज 4, फेज 6 और फेज 7 के दिसंबर 2015 तक पूरा होने की संभावना है।