facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

कर्ज देने में आगे निकलीं एनबीएफसी

Last Updated- January 04, 2023 | 12:06 AM IST
Lending from banks to NBFCs slowed down, service and vehicle loans also affected बैंकों से एनबीएफसी को ऋण हुआ सुस्त, सेवा और वाहन ऋण पर भी असर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के क्षेत्रवार ऋण वितरण के नवंबर 2022 के आंकड़ों से पता चलता है कि सेवा क्षेत्र को कर्ज देने में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अन्य कर्जदाताओं से आगे निकल गई हैं। हाल के आंकड़ों के मुताबिक 18 नवंबर तक सेवा क्षेत्र को दिया गया कुल कर्ज 33.15 लाख करोड़ रुपये है, जबकि औद्योगिक क्षेत्र को 32.94 लाख करोड़ रुपये कर्ज मिला है। सालाना आधार पर सेवा क्षेत्र को मिलने वाले कर्ज में नवंबर 2022 में 21.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी, जबकि एक साल पहले वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत थी।

इसी तरह से उद्योग को ऋण में वृद्धि नवंबर 2022 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 13.1 प्रतिशत रही है, जबकि नवंबर 2021 में वृद्धि 3.4 प्रतिशत थी। सेवा क्षेत्र सेग्मेंट में एनबीएफसी के ऋण में नवंबर 2022 में 33 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में महज 5 प्रतिशत थी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक सेवा क्षेत्र के कर्ज में 5.81 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि में 52 प्रतिशत एनबीएफसी की और 22 प्रतिशत अन्य सेवाओं की हिस्सेदारी है।

इसके साथ ही गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) में सार्वजनिक वित्त संस्थानों (पीएफआई) का कर्ज पिछले साल की समान अवधि तुलना में 87.9 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि साल की शुरुआत से अब तक (वाईटीडी) इसमें 29.9 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों का कर्ज पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16.1 प्रतिशत और साल की शुरुआत से अब तक 9.1 प्रतिशत बढ़ा है।

First Published - January 3, 2023 | 11:55 PM IST

संबंधित पोस्ट