तमाम किंतु-परंतु के बाद भारत में व्हाट्सऐप भुगतान सेवा की शुरुआत हो चुकी है। अब इस मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करने वाले इसकेजरिये रकम भेज पाएंगे। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने इस लोकप्रिय ऐप को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर परिचालन शुरू करने की अनुमति दे दी है। भारत में इस समय पेटीएम, फोनपे और गूगल पे सहित कई दूसरे पेमेंट ऐप काम कर रहे हैं।
सर्वत्र टेक्नोलॉजिज के प्रबंध निदेशक एवं वाइस चेयरमैन मंदार अगाशे कहते हैं, ‘तकनीक के इस्तेमाल के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढऩे के बाद देश में स्मार्टफोन अब हर किसी के हाथों में देखे जा सकते हैं। देश में इस समय करीब 40 करोड़ लोग व्हाट्सऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ देश में पेमेंट ऐप का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, खासकर नोटबंदी के बाद लोगों ने भुगतान के इस अपेक्षाकृत नए माध्यम में खासी रुचि दिखाई है। इन पेमेंट ऐप के बाद बाजार में ऐसे मोबाइल ऐप्लीकेशन भी आ गए हैं, जो खर्च एवं आमदनी पर नजर रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।
इन दिनों निवेश के विभिन्न विकल्प भी बाजार में उपलब्ध हैं। ऐसे में अपने निवेश का प्रबंधन भी तुलनात्मक रूप से अधिक जिम्मेदारी एवं उलझन भरा काम साबित हो रहा है। इन दिनों कई योजनाओं में निवेश के साथ ही लोगों के कई खाते भी होते हैं। अधिक खाते होने का मतलब है कि उनके आईडी पासवर्ड और पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर्स (पिन) भी अलग-अलग होंगे। म्युचुअल फंडों की नेट ऐसेट वैल्यू (एनएवी) के साथ शेयरों में निवेश पर अक्सर नजर बनाए रखने की जरूरत होती है। आखिर इन तमाम चीजों पर पैनी नजर बनाएं रखने का आसान उपाय क्या है? पर्सनल फाइनैंस ऐप इस काम में आपकी मदद कर सकते हैं। इनके जरिये आप अपने निवेश की तमाम जानकारियां एक जगह
रख सकते हैं और उन पर निगरानी भी कर सकते हैं।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इन ऐप की मदद से निवेश के प्रबंधन का काम आसान हो जाता है। एमबी वेल्थ सॉल्यूशंस के संस्थापक एम बार्वे कहते हैं,’इन दिनों किसी व्यक्ति के दो से तीन बैंक खाते, एक से अधिक क्रेडिट कार्ड, ओपन क्रेडिट लाइन और कई म्युचुअल फंडों एवं शेयरों में निवेश होते हैं। पुराने ढर्रे से इन सभी पर नजर रखना आसान नहीं रह गया है। पर्सनल फाइनैंस ऐप इस काम में आपकी मदद कर सकते हैं।’ हालांकि सभी लोग इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
विवेकतरु के संस्थापक एवं वित्तीय योजनाकार स्वप्निल केंधे कहते हैं, ‘अगर आप अपने निवेश से जुड़ी बुनियादी बातें समझते हैं और उनका पालन करते हैं तो आपको किसी ऐप की जरूरत नहीं है। चीजें हमेशा सरल रखें और ज्यादा ताम-झाम नहीं पालें। कई लोग ऐप डाउनलोड कहते हैं और कुछ महीनों तक उनका इस्तेमाल करने के बाद उन्हें हटा देते हैं।’ आप इनमें किसी भी राय से सहमत हो सकते हैं, लेकिन असल चीज यह है कि आप क्या पंसद करते हैं। पर्सनल फाइनैंस ऐप तीन श्रेणियों-एक्सपेंस ट्रैकर-कम-बजटिंग ऐंंड अकाउंट एग्रीगेटर ऐप्स, इन्वेस्टमेंट्स ऐप और पेमेंट ऐप-में आते हैं।
बजट, खर्च पर नजर रखने वाले ऐप
ऐसे ऐप आपको रोजाना विभिन्न मदों-भोजन, मनोरंजन, खरीदारी आदि- पर होने वाले खर्च पर नजर रखने में मदद करते हैं। ये आपको अपनी आय एवं कर्ज पर नजर रखने की भी सुविधा देते हैं। इन ऐप के जरिये आप अपने सभी खातों जैसे बैंक, क्रेडिट कार्ड पर नजर रख सकते हैं। इस तरह, आपको कई सारे लॉग इन आईडी और पार्सवर्ड याद रखने के झमेले से निजात मिल जाती है। ये आपको बिल जमा करने की तारीख भी याद दिलाते हैं। कुछ ऐप आकर्षक ग्राफ के माध्यम से आपके खर्च का लेखा-जोखा पेश करते हैं। कुछ दूसरे ऐप के जरिये आप अपने मासिक खर्च में कमी या बढ़ोतरी कर बजट आसानी से तैयार कर सकते हैं।
वालनट, मनी-बजट मैनेजर ऐंड एक्सपेंस ट्रेकर, गुडबजट, होमबजट और एंड्रोमोन कुछ ऐसे ही मोबाइल ऐप्लीकेशन हैं। वालनट ऐप की पेशकश करने वाली कैपिटल फ्लोट के सह-संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक शशांक ऋष्यशृंग कहते हैं, ‘हमारा ऐप ऐसे लोगों के लिए है जो अपने खर्च पर निगाहें जमाए रखना चाहते हैं। इससे यह भी पता लगाने में मदद मिलती है कि कोई व्यक्ति किस अनुपात में खर्च एवं बचत कर रहा है।’ कुछ डिजिटल लेजर ऐप जैसे खाताबुक, दुकान एवं ओके क्रेडिट लोगों को उनके कुछ खर्चों पर परोक्ष रूप से नजर रखने में मदद करते हैं।
खाताबुक के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) रवीश नरेश कहते हैं, ‘खाताबुक आने के बाद अब ऑफलाइन उधार बहीखाते की अब जरूरत नहीं रह गई है और डिजिटल लेजर कैश बुक के जरिये आसानी से काम हो रहा है। दुकानदार नकद एवं उधार लेनदेन का लेखा-जोखा रखने के लिए इस ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।’ ये ऐप ज्यादातर स्थानीय किराना स्टोर या केमिस्ट इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ग्राहक को हरेक लेनदेन पर एक एसएमएस आता है। इस तरह ग्राहक को हरेक महीने खरीदारी का विवरण एसएमएस के माध्यम से मिल जाता है, जिसके जरिये वह अपने मासिक खर्च पर नजर रख सकता है।
निवेश ऐप
इस खंड में कुछ बड़ी कंपनियों में ग्रो, कुवेर डॉट इन, ईटी मनी एवं पेटीएम मनी शामिल हैं। कुवेर डॉट इन के मुख्य कार्याधिकारी गौरव रस्तोगी कहते हैं, ‘हम एक ही ऐप के जरिये खर्च पर नजर, सलाह एवं क्रियान्वयन तीनों सुविधाएं देते हैं।’ कुवेर के माध्यम से आप डायरेक्ट म्युचुअल फंड योजनाएं, सोना और अंतरराष्ट्रीय शेयर खरीद सकते हैं। इसके इस्तेमाल से आप ऋण एवं बीमा उत्पाद भी प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही कर एवं वित्तीय सलाह भी पा सकते हैं। ग्रो आपको डायरेक्ट म्चुचुअल फंड में निवेश का मौका देता है। यह ऑनलाइन डीमैट एवं कारोबार की सुविधा भी देता है, साथ ही इसके जरिये आप फिक्स्ड डिपॉजिट एवं सोने में भी निवेश कर सकते हैं। पेटीएम मनी म्युुचुअल फं ड, शेयर एवं राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में निवेश की सुविधा देता है। हालांकि ऐसे ज्यादातर ऐप नि:शुल्क होते हैं, लेकिन कुछ प्रीमियम सेवाएं देने के लिए आपसे रकम लेते हैं। उदाहरण के लिए परफियोस बुनियादी सेवा नि:शुल्क देता है, लेकिन गोल्ड सर्विस के लिए सालाना 499 रुपये और प्लेटिनम सर्विस के लिए सालाना 1,499 रुपये शुल्क लेता है।
सुरक्षा संबंधी जोखिम का भी रखें ध्यान
जब भी आप संवेदनशील वित्तीय सूचना साझा करते हैं तो इसके साथ ही जोखिम भी पैदा हो जाते हें। साइबर इन्वेस्टिगेटर, साइबर सिक्योरिटी एवं डेटा प्रिवेसी कंसल्टेंट ऋतेश भाटिया कहते हैं, ‘मैं बैंक जैसे संस्थानों को अधिक तवज्जो दंूगा क्योंकि उनके सख्त नियमन के दायरे में आते हैं और खातों की सुरक्षा बनाए रखना उनका मुख्य ध्येय होता है। उनके मामले में अगर एक खाते से सूचनाएं चोरी होती हैं तो दूसरे खाते पर इसका असर नहीं होता है। अगर आप ऐसे ऐप इस्तेमाल करना ही चाहते हैं तो उन अनुमति पर जरूर ध्यान दें, जो ये आपसे मांगते हैं।’ रकम के प्रबंधन के प्रति सचेत कोई व्यक्ति कागज और कलम या एक्सल शीट आधारित सिस्टम से भी काम चला सकता है। हालांकि अगर कोई और सुविधा चाहता है तो ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है बशर्तें यह किसी बड़ी कंपनी का हो।