बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए)ने कंसेप्ट रेफरल कार्यक्रम के कुछ निजी बीमा कंपनियों के अभिकर्ताओं और बहुस्तरीय विपणन (एमएलएम) कंपनियों द्वारा गलत इस्तेमाल पर अपनी चिंता जताई है।
प्राइवेट बीमा कंपनियों द्वारा प्रारंभ किए गए इस कार्यक्रम को खुद आईआरडीए ने मान्यता दी थी। अब उसका मानना है कि कंपनियों केअभिकर्ता जो कि इस कांसेप्ट के तहत काम कर रहे हैं, संबंधित नियमों का सही-सही पालन नहीं करते।
रेफरल कार्यक्रम निजी बीमा कंपनियों द्वारा करीब दो वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। इसके जरिए कंपनी अपने मौजूदा अभिकर्ताओं के माध्यम से अपने उत्पादों की बिक्री करती है जिनका ग्राहकों तक पहुंच के लिहाज से स्थानीय डीलर के साथ अनौपचारिक गठजोड़ होता है। आईआरडीए ने पाया है कि सब-डीलरों ने पॉलिसियों को गलत रूप में बेचा है।
अधिकारियों के अनुसार पॉलिसियों की बिक्री में इस तरह की अनियमितता आईआरडीए के लिए चिंता का कारण है। इस बारे में जब निजी बीमा कंपनियों जैसे आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, बजाज एलायंज,एसबीआई लाइफ से प्रतिक्रिया मांगी गई तो अधिकांश ने इस संबंध में कोई कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
आईआरडीए के एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि बीमा कांट्रेक्ट में तकनीकी पक्ष ज्यादा रहता है इसलिए नियामक के निर्देशों के अनुसार बीमा उत्पादों की बिक्री ऐसे व्यक्तियों द्वारा की जानी चाहिए जो कि अभिकर्ता होने के आवश्यक मानदंड को पूरा करते हों।
एक निजी बीमा कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि एमएलएम कंपनियां बीमा को एक तेजी से पैसा कमाने वाले स्त्रोत के रूप में देख रही है और इसके लिए कंपनियां अपने टीम सदस्यों के नेटवर्क को इस्तेमाल करती है जो मुख्य रूप से उपभोक्ता उत्पादों को बेचने का काम करती है। प्रतिनिधि ने कहा कि इनमें से अधिकांश तो मैट्रिक पास भी नहीं होते हैं।