म्युचुअल फंड निवेश के तौर पर मैं फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में पैसे लगाने की योजना बना रहा हूं। क्या बाजार की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए फिक्स्ड मैच्योरिटी योजनाओं में निवेश करना ठीक होगा?
फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान या एफएमपी नियत कालिक फंड होते हैं जिनकी परिपक्वता अवधि निश्चित होती है। एफएमपी के तहत उन ऋण उपकरणों में निवेश किया जाता है जिनकी परिपक्वता एफएमपी की परिपक्वता अवधि के आसपास होती है।
एफएमपी का प्राथमिक उद्देश्य पूंजी को सुरक्षित रखते हुए आय अर्जित करना होता है। इसलिए पूंजी का निवेश ऋण और मुद्रा बाजार की प्रतिभूतियों वाले पोर्टफोलियो में किया जाता है। परिपक्वता अवधि भिन्न-भिन्न, एक महीने से लेकर पांच वर्ष तक, के हो सकते हैं। एफएमपी बहुत हद तक बैंकों की सावधि जमाओं से मिलते-जुलते हैं लेकिन कम कर लगाए जाने की वजह से एफएमपी थोड़े अलग हैं।
एफएमपी में निवेश करने का लाभ यह है कि इक्विटी फंडों की तुलना में इसमें पूंजी-क्षय होने का जोखिम कम होता है क्योंकि ये ऋण और मुद्रा बाजार के उपकरणों में निवेश करते हैं। इसके अलावा, एफएमपी पर ब्याज दर की अस्थिरता का भी ज्यादा प्रभाव नहीं होता है अगर उन्हें परिपक्वता तक बनाए रखा जाए। इन फंडों के प्रतिफल सांकेतिक होते हैं और वास्तविक प्रतिफल भी सांकेतिक प्रतिफल के लगभग बराबर होते हैं। अगर आप ज्यादा जोखिम न उठाते हुए निश्चित प्रतिफल पाना चाहते हैं तो एफएमपी आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।
आवास ऋणों पर कर का लाभ
मैं अपने घर के लिए आवास ऋण ले रहा हूं जिसका निर्माण एक ठेकेदार द्वारा करवाया जा रहा है। क्या मुझे इस आवास ऋण (होम लोन) पर कर का लाभ मिल सकता है?
हां, अगर आप होम लोन का भुगतान कर रहे हैं तो मूलधन पर आयकर की धारा 80सी के तहत आपको लाभ मिलेगा (अधिकतम सीमा एक लाख रुपये की है)। इसके अतिरिक्त ब्याज तत्व के भुगतान पर भी आपको धारा 24 के तहत आयकर में छूट मिलेगी। इस धारा के अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष में आपको अधिकतम 1,50,000 रुपये तक की छूट मिलती है।
आर्बिट्रेज फंडों में निवेश
शुरु से ही मेरी दिलचस्पी आर्बिट्रेज फंडों में निवेश करने की रही है लेकिन मैं किसी अच्छे फंड का चयन नहीं कर पाया। क्या आप मुझे कृपया कुछ अच्छे आर्बिट्रेज फंडों के संदर्भ में सलाह देंगे? मैं वायदा और विकल्पों का कारोबार नहीं करता इसलिए क्या कोई ऐसा फंड है जो इस वर्ग में निवेश करने की सुविधा उपलब्ध कराता है?
अपके प्रश्न के दूसरे खंड का उत्तर नहीं में है। म्युचुअल फंड वायदा एवं विकल्प बाजार में कारोबार करने का रास्ता नहीं है। अगर आप वास्तव में डेरिवेटिव बाजार के प्रतिभागी बनना चाहते हैं तो फिर उनसे जुड़े जोखिमों को उठाने के लिए भी खुद को तैयार कर लीजिए।
अब आपके पहले प्रश्न पर आते हैं, कोई भी आर्बिट्रेज फंड निश्चित आय अर्जित करने हेतु नकदी और वायदा बाजार के मूल्यांतर के अवसरों का लाभ उठाता है। अगर आप जोखिमों से परहेज रखने वाले निवेशक हैं और बाजार की अस्थिरता से अलग रहना चाहते हैं तो आर्बिट्रेज फंड आपके लिए सर्वथा उपयुक्त है। जेएम आर्बिट्रेज एडवांटेज और एसबीआई आर्बिट्रेज ऑपोर्चुनिटीज फंड में से आप किसी का चयन कर सकते हैं।
ऋण फंड और एमआईपी
मैं एक वरिष्ठ नागरिक हूं और मेरी उम्र लगभग 68 वर्ष है। मैं बैंकों की सावधि जमाओं या भारत सरकार के बॉन्ड की जगह अच्छे ऋण उपकरणों में निवेश करना चाहता हूं ताकि बेहतर प्रतिफल के साथ-साथ आयकर में भी लाभ मिले। कृपया सुझाव दें कि क्या मुझे एमआईपी, ऋण फंडों या निश्चित अवधि के फंडों (3-5 वर्षों की अवधि वाले) में निवेश करना चाहिए? मैं इक्विटी विशाखित फंडों और इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाओं में पहले ही (15-20 प्रतिशत) निवेश कर चुका हूं।
अगर आप तीन से पांच वर्षों के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आप पांच या चार सितारों की रेटिंग वाले मध्यम अवधि के ऋण फंडों या एमआई पर विचार कर सकते हैं। एमआईपी एक ऋणोन्मुख फंड है जिसमें इक्विटी का तत्व बहुत कम होता है। इक्विटी तत्व बाजार में आई तेजी के दिनों में निवेशकों को लाभ देता है।
अगर आप कम जोखिम उठाते हुए दीर्घावधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो एमआईपी एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। आपकी उम्र चूंकि 68 वर्ष है इसलिए वैसे उपकरणों में निवेश करना ज्यादा बेहतर है जहां जोखिम सबसे कम हो और पूंजी पर किसी प्रकार का खतरा नहीं हो।
अगर आप किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो कुछ अच्छे प्रदर्शन वाले ऋण फंडों जैसे कोटक फ्लेक्सी डेट और बिड़ला सन लाइफ इनकम या आईसीआईसीआई प्रूडेन्शियल लॉन्ग टर्म में से किसी का चयन कर सकते हैं।
म्युचुअल फंडों के लाभांशों पर आयकर
सेवानिवृत्ति पर प्राप्त हुए कोष के एक हिस्से को मैंने तीन बैलेंस्ड फंडों, कोटक बैलेंस, एचडीएफसी प्रूडेंस और एसबीआई मैग्नम, में पांच वर्ष से अधिक समयावधि के लिए निवेशित कर दिया है। मैंने लाभांश प्रप्ति के विकल्प का चयन किया था। हाल ही में मुझे उपरोक्त वर्णित फंडों के लाभांश मिले हैं। मैं प्राप्त लाभांश पर आयकर संबंधी दायित्वों को समझना चाहता हूं। इसके अतिरिक्त आप मुझे ऋण फंडों पर लगाए जाने वाले आयकर के संदर्भ में भी बताएं।
लाभांश प्राप्ति वाले विकल्प के तहत लाभांश के रुप में प्राप्त हुई आय पर किसी प्रकार का कर नहीं लगाया जाता है। वर्तमान आयकर नियमों के अनुसार निवेशकों के हाथों में पहुंचने वाला म्युचुअल फंडों का लाभांश कर मुक्त होता है। आपने जिन तीन फंडों में निवेश किया है वे सब इक्विटी वाले फंड हैं इसलिए लाभांश के रुप में प्राप्त होने वाली आय पर किसी प्रकार का कर नहीं लगाया जाएगा।
हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि इस पर किसी प्रकार कर ही नहीं लगाया जाता है। ऋण फंडों के लाभांश के मामले में म्युचुअल फंड कंपनी को 12.5 प्रतिशत का लाभांश वितरण कर देना होता है। इसकी अदायगी लाभांश की घोषणा करने वाले म्युचुअल फंड योजना के लाभकोष से की जाती है। यद्यपि निवेश को प्रत्यक्ष तौर पर आयकर के प्रभाव का पता नहीं चल पाता है लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर इसका वहन निवेशक ही करते हैं।
मिड-कैप फंडों का चयन
मैं चार मिड-कैप फंडों- सुंदरम सेलेक्ट मिड कैप, मैग्नम ग्लोबल, एचएसबीसी मिड-कैप और रिलायंस ग्रोथ में निवेश करता चला आ रहा हूं। मैं इनमें से दो फंडों को छांटना चाहता हूं और निर्णय लेने में मुझे आपकी मदद चाहिए। मैं लंबी समयावधि के लिए निवेश करना चाहता हूं। कृपया सुझाव दें।
अगर आप सचमुच मिड-कैप में अपना निवेश घटा कर चार से दो फंड करना चाहते हैं तो आपको रिलायंस ग्रोथ और सुंदरम सेलेक्ट मिड कैप में अपना निवेश बरकरार रखते हुए मैग्नम ग्लोबल और एचएसबीसी मिडकैप को गुडबाय कह देना चाहिए।
प्रतिफल और रेटिंग के आधार पर जब इन चारों फंडों की तुलना की गई तो रिलायंस ग्रोथ और सुंदरम सेलेक्ट अव्वल आए। इन दोनों फंडों की रेटिंग पांच सितारों की है जबकि मैग्नम ग्लोबल एक चार सितारों की रेटिंग वाला फंड है और एचएसबीसी मिडकैप की अभी तक कोई रेटिंग नहीं हुई है।
एम साल, तीन साल और पांच साल के प्रतिफल के मामले में इन फंडों का प्रदर्शन बेहतर रहा है। जहां रिलायंस ग्रोथ ने इन अवधियों में सर्वाधिक प्रतिफल दिया है वहीं सुंदरम सेलेक्ट दूसरे स्थान पर रहा है।
इस प्रकार ये उन दो फंडों की तुलना में आपके पोर्टफोलियो के ज्यादा तरजीही विकल्प साबित होते हैं। मिड-कैप फंडों की छंटनी करते समय सर्वोत्तम फंडों में अपना निवेश बनाए रखिए और अन्य की छंटनी कर डालिए।