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इंडेक्स फंड में एसआईपी के जरिए करिए निवेश

Last Updated- December 10, 2022 | 1:06 AM IST

इंडेक्स फंड में करें सिस्टमैटिक निवेश अमूमन यह माना जाता है कि नए फंडों (एनएफओ) में निवेश करना बेवकूफी है। 

क्या ये बातें इंडेक्स फंड के एनएफओ पर भी लागू होती हैं? मैं बेंचमार्क एस ऐंड पी 500 फंड में एकमुश्त रकम  निवेश करने की योजना बना रहा हूं। क्या इंडेक्स फंडों पर रुपए की कॉस्ट एवेरेजिंग थ्योरी (रुपया लागत औसतन नियम) लागू होती है?

जोजो जैकब
हम निवेशकों को यही सलाह देना चाहते हैं कि एनएफओ से दूरी बनाए रखें क्योंकि नए फंडों में ढेर सारी अनिश्चितता बनी रहती है। इनका कोई पहले से पोर्टफोलियो नहीं होता है साथ ही इनके प्रदर्शन को परखने के लिए कोई पृष्ठभूमि भी नहीं होती है।
किसी स्थापित फंड में निवेश की सही जानकारी का ब्योरा होता है। संकट के दौरान इन फंडों का ठीक-ठाक प्रबंधन करने की फंड प्रबंधकों की काबिलियत की भी जानकारी इसमें नहीं मिल जाती है। लेकिन इंडेक्स फंडों के मामले में ऐसा नहीं होता क्योकि हमें पता होता है कि हमारे फंड का पोर्टफोलियो क्या होगा लिहाजा एनएफओ के लिए रुकावटें बनने वाले नियम इंडेक्स फंडों पर लागू नहीं हो पाते।
जहां तक इक्विटी में निवेश करने की बात है तो प्रणालीबध्द निवेश योजना (एसआईपी) इसके लिए हमेशा से ही एक बेहतर तरीका रहा है। इंडेक्स में निवेश करने का तात्पर्य है कि आपका निवेश केवल इक्विटी में ही होगा। और ध्यान रहे कि संपत्ति श्रेणी में इक्विटी अस्थिर है।
एक ही फंड प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किए गए दो विभिन्न , एक इक्विटी डाइवर्सिफाइड और एक बैलेंस्ड फंड जैसे दो म्युचुअल फंडों में निवेश करने की योजना क्या ठीक रहेगी? क्या सारी निवेश की गई राशि में एक समान का जोखिम नही होगा? 

कपिल ओबेरॉय

आप पूरी तरह सही हैं। हमारी यह हमेशा से सलाह रही है कि एक ही फंड प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किए गए दो विभिन्न फंडों में निवेश न किया जाय। परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) के मामले में भी यही नियम लागू होते हैं।
एक ही एएमसी के दो फंडों में निवेश करने से हमेशा बचना चाहिए क्योंकि किसी भी फंड हाऊस के निवेश करने का तरीका उसके सभी फंडों के निवेश पर एकसमान ही असर दिखाता है। यदि किसी फंड हाऊस का फैसला गलत साबित हो जाता है, तो पोर्टफोलियो पर इसका गंभीर परिणाम देखा जा सकता है।
क्या मुझे कोटक फ्लेक्सी डेट में लंबी अवधि या अल्पावधि (1 वर्ष से कम) के लिए निवेश करना चाहिए ? साथ ही, मैं एक फंड में एसआईपी के जरिये पांच वर्षों से अधिक समय से निवेश कर रहा हूं और अब मैं स्विच करना चाहता हूं। कृपया मुझे आगे की रणनीति के लिए सलाह दीजिए। 

हेमचंद्र रेड्डी
यदि आप लुढ़कते हुए ब्याज दरों से लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप कोटक फ्लेक्सी डेट फंड में 3 महीनों से लेकर 1 वर्ष तक की अवधि तक निवेश कर सकते हैं। लेकिन जब बात लंबी अवधि के पोर्टफोलियो की आती है, तो किसी के पोर्टफोलियो को स्थिरता देने के लिए डेट फंड को बनाए रखना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
यदि आप अपने पोर्टफोलयिो में डेट फंड रखने के लिए फंड में निवेश कर रहे हैं, तो आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं। संतुलित फंड होने के कारण हम इसमें लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह देते हैं।
आपके अगले सवाल की ओर आगे बढ़ते हैं जोकि लंबी अवधि के निवेश की रणनीति को अनुसरण करने के लिए आप मौजूदा फंड से अन्य फंड में जाने के इच्छुक हैं जिसके लिए हम सलाह देते हैं कि सिस्टमैटिक योजना से बाहर निकल जाएं।
वहीं आपके मामले में बात यह है कि आप पिछले 5 वर्षों से एसआईपी के जरिये निवेश करते आ रहे हैं।  यदि आप अपने सिस्टमैटिक निवेश को अगले पांच वर्षों के लिए नहीं बढ़ाना चाहते हैं, तो आप इसे 3 वर्षों की समय-सीमा तक आगे बढ़ा सकते हैं।
मैं अपने बच्चे की शिक्षा के लिए एसआईपी के जरिये इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश करना चाहता हूं। मेरे निवेश करने की समय-सीमा 10-15 वर्षों की है। मैं साथ ही यह भी सोच रहा हूं कि कुछ फंड हाउसों द्वारा मुफ्त जीवन बीमा भी दिया जाता है, तो मैं ऐसे ही फंडों में निवेश करना चाहता हूं।
लेकिन क्या बीमा वाकई पूरी तरह मुफ्त है? साथ ही, कुछ ऐसे फंडों के बारे में जानकारी देने की भी कृपा करें।

भूषण खैरनार
आप म्युचुअल फंडों पर अतिरिक्त जीवन बीमा की सुविधा देने वाले फंडों को अपना सकते हैं। कुछ फंड हाउसों द्वारा बीमा की सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रीमियम की किश्तों को फंड के प्रीमियम के साथ जोड़कर वसूलते हैं तो कुछ द्वारा इस सुविधा के लिए कोई प्रीमियम नहीं वसूला जाता है।
ऐसे फंडों के ऑफर कागजातों में इससे संबंधित नियम एवं शर्तों का भलीभांति स्पष्टीकरण दिया जाता है। रिलायंस, बिरला सन लाइफ और कोटक आदि फंड हाउस बीमा सुविधाओं के लिए अपने निवेशकों से अतिरिक्त राशि नहीं वसूलते हैं। यदि आप मुफ्त में बीमा सुविधाओं का लाभ उठाने चाहते हैं तो आप इनमें से किसी भी फंड हाउसों के फंड का चुनाव कर सकते हैं।
मैं फ्रैंकलिन इंडिया फ्लेक्सी कैप (लाभांश विकल्प) और डीएसपीबीआर इक्विटी (लाभांश विकल्प) में एसआईपी के जरिये निवेश कर रहा हूं।
फ्रैंकलिन इंडिया फ्लैक्सी कैप द्वारा लाभांश घोषित करने के बाद लाभांश विकल्प वाले फंड की मुख्य संपत्ति आय (एनएवी) में ग्रोथ फंड के मुकाबले काफी गिरावट दर्ज की गई, जो 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर से भी नीचे आ गई (प्रतिशत में)। लेकिन डीएसपीबीआर के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। क्या आप मुझे समझा सकते हैं कि ऐसा क्यों हुआ?

संजीव मल्होत्रा
इस अंतर के लिए कारण यह है कि फ्रैंकलिन इंडिया फ्लैक्सी कैप फंड ने 12 मार्च, 2008 को लाभांश दिया, जोकि इसके 52 हफ्तों के उच्चतम दरों की तारीख 15 फरवरी, 2008 के बाद उक्त तारीख आती है।
जिस कारण यहां लाभांश पर असर देखा जा रहा है और साथ ही आप देख सकते हैं कि फंड के लाभांश विकल्प में ग्रोथ विकल्प के मुकाबले में प्रतिशत की मात्रा में गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं दूसरी ओर, डीएसपी ब्लैक रॉक फंड ने अपना लाभांश 52 हफ्तों के उच्चतम तारीख से पहले ही दे दिया है, जिस कारण ही आप लाभांश और ग्रोथ विकल्प के मामले में यहां अंतर (प्रतिशत में) नहीं देख सकते हैं।

First Published - February 15, 2009 | 10:04 PM IST

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