ब्रिटिश कंपनी बूपा आगे चलकर निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस में अपनी मौजूदा 56 फीसदी हिस्सेदारी को और बढ़ाने पर विचार कर सकती है। यह जानकारी निवा बूपा के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी कृष्णन रामचंद्रन ने दी। केंद्रीय बजट में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 फीसदी करने की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के घोषणा के एक हफ्ते बाद कंपनी ने यह जानकारी दी है।
रामचंद्रन ने कहा, ‘वे (बूपा) लंबी अवधि के शेयरधारक हैं, वे निश्चित रूप से भारत में अवसर को लेकर बेहद उत्सुक हैं। मैं निश्चित हूं कि वे आने वाले समय में अपनी साझेदारी बढ़ाने के बारे में विचार करेंगे।’ फिलहाल ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा कंपनी बूपा सिंगापुर होल्डिंग्स की हालिया सूचीबद्ध स्वास्थ्य बीमा कंपनी में 55.98 फीसदी हिस्सेदारी है। एक अन्य साझेदार फेटल टोन एलएलपी की हिस्सेदारी 17.9 फीसदी है। बीएसई-एनएसई में कंपनी नवंबर 2024 में सूचीबद्ध की गई थी।
रामचंद्रन के अनुसार तकनीक, डेटा और एनॉलिटिक्स में निवेश की बदौलत कंपनी अधिक कारोबार कर पाएगी और अपने मौजूदा 100.9 फीसदी ‘कंबाइंड रेश्यो’ को अगले पांच साल में घटाकर 95-96 फीसदी ले आएगी। ‘कंबाइंड रेश्यो’ से गैर जीवन बीमा कंपनियों की लाभप्रदता का अंदाजा लगता है। यह 100 फीसदी से कम होने का मतलब है कि कंपनी अंडरराइटिंग लाभ कमा रही है। यह अनुपात 100 फीसदी से अधिक होने का अर्थ यह है कि हासिल प्रीमियम रकम से ज्यादा राशि के दावे का भुगतान कर रही है।
रामचंद्रन ने बताया, ‘कंबाइड रेश्यो को कंपनी 100 फीसदी से नीचे लाने के लक्ष्य करने पर कार्य कर रही है। हमने बीते वर्ष करीब 98.8 फीसदी पर थे। हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्षों में कंबाइंड रेश्यो 95-96 फीसदी हासिल करना है। इसे ऑपरेटिंग लीवरेज और कारोबार की मात्रा बढ़ाकर हासिल किया जाएगा।’
कंपनी ने अक्टूबर-दिसंबर (वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही) में 189 फीसदी वृद्धि दर्ज कर 13.2 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया। वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में सकल लिखित प्रीमियम (जीडब्ल्यूपी) करीब 30 फीसदी बढ़कर 5,011.3 करोड़ रुपये हो गया जबकि यह बीते वर्ष की समान अवधि में 3,848.1 करोड़ रुपये था। हालांकि, बीमा नियामक ईरडाई ने 1 अक्टूबर, 2024 से प्रीमियम रिपोर्टिंग के लिए नया प्रारूप शुरू किया है।