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महामारी के बाद बढ़े साइबर अटैक, बीमा पॉलिसियों की मांग में हुआ 40 फीसदी इजाफा

विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड 19 महामारी के बाद अभूतपूर्व रूप से साइबर सुरक्षा के मामले बढ़ने लगे हैं। इन हमलों से निपटने के लिए भारत का उद्योग जगत पर्याप्त रूप से तैयार नहीं था

Last Updated- December 07, 2023 | 8:46 PM IST
Insurance

साइबर अटैक को लेकर जागरूकता और साइबर हमले अधिक होने के कारण साइबर बीमा पॉलिसियों की मांग बढ़ी है। साइबर संबंधित घटनाएं बढ़ने के कारण बीमा दावे बढ़े हैं। लिहाजा बीमा कंपनियों को अंडरराइटिंग के मानदंडों को मजबूत करना पड़ा है। अनुमान के मुताबिक वर्ष 2023 की तुलना में बीते वर्ष साइबर पॉलिसियों में करीब 35-40 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक हाल के समय में जागरूकता बढ़ने के कारण साइबर हमले बढ़े हैं।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस (ICICI Lombard General Insurance) में अंडरराइटिंग ऐंड क्लेम प्रापर्टी ऐंड केजुअल्टी के चीफ गौरव अरोड़ा के मुताबिक, ‘हमें निश्चित रूप से बढ़ी हुई जागरूकता दिख रही है और साइबर हमले संबंधित घटनाएं भी बढ़ी हैं। हमें इन कारणों से भी साइबर बीमा की बड़ी हुई मांग नजर आ रही है।’

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में साइबर सुरक्षा से संबंधित 1,391,457 मामले दर्ज हुए थे। भारतीय कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 653 सिक्योरिटी अलर्ट, 38 परामर्श (advisories ) और 488 जोखिम हैं।

कुल घटनाओं में से 8,75,892 घटनाएं सुस्त सेवाओं के कारण हुईं। इसके बाद वर्ष 2022 में 324620 घटनाएं अनधिकृत नेटवर्क स्कैनिंग/जांच (unauthorised network scanning/probing) की थीं। अन्य सुरक्षा जांचों में सर्ट-इन इनक्लुडिड वायरस/दुर्भावनापूर्ण कोड (161,757), वेबसाइट विरूपण (19.793), वेबसाइट में घुसपैठ ऐंड मैलवेयर प्रसार (2,164), फिशिंग (1,714) और अन्य (5,157) शामिल हैं।

हाउडेन इंश्योरेंस ब्रोकर्स (Howden Insurance Brokers -India) के लाइबिल्टी ऐंड स्पेशल रिस्क के प्रमुख अमित सोलंकी ने कहा, ‘सभी क्षेत्रों में अधिक साइबर बीमा की मांग है, चाहे वह विनिर्माण, ई-कॉमर्स, सेवाएं, आईटी, वित्तीय संस्थान हों। इसके अलावा कई नियामकीय निकाय भी साइबर सुरक्षा नेटवर्क के लिए दिशानिर्देश जारी करते हैं और साइबर बीमा लेते हैं।’

सोलंकी ने बताया, ‘अब लोग साइबर बीमा का महत्त्व समझने लगे हैं और वे निश्चित रूप से खरीद रहे हैं। अभी तक जिन लोगों ने नहीं खरीदा है, वे निश्चित रूप से खरीदने के बारे में सोच रहे हैं।’

विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड 19 महामारी के बाद अभूतपूर्व रूप से साइबर सुरक्षा के मामले बढ़ने लगे हैं। इन हमलों से निपटने के लिए भारत का उद्योग जगत पर्याप्त रूप से तैयार नहीं था। महामारी के बाद के दौर में कंपनियां साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खासा निवेश करने लगी हैं। हालांकि निजता के उल्लंघन, कारोबारी बाधता, रैमसमवेयर (ransomware) सहित अन्य के मामले बढ़े हैं। उद्योग के अनुमान के अनुसार भारत में 2022 की तुलना में 2023 में साइबर हमले करीब 35-40 प्रतिशत बढ़े।

First Published - December 7, 2023 | 8:46 PM IST

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