प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने शुक्रवार को बीमा कंपनियों को निर्देश दिए कि वे एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए लोगों के बीमा दावों का निपटारा जल्द करें। आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि विमान में सवार यात्रियों की सूची में जिनकी मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है उनके दावे निपटाने में वे प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं का हवाला देकर देरी या उन्हें अस्वीकार नहीं करें। बीमा नियामक ने दुर्घटना स्थल पर विमान हादसे की चपेट में आए लोगों के मामले में भी यही निर्देश दिया है।
दावे निपटाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाने के लिए आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को संबंधित अधिकारियों से दुर्घटना में मारे गए लोगों की सत्यापन सूची प्राप्त करने, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों जारी होने से जुड़ी जानकारियां, व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसियां एवं जीवन बीमा पॉलिसियां सत्यापित करने के अधिकार भी दे दिए हैं। आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं मांगने के लिए कहा है।
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इसके अलावा आईआरडीए ने जीवन बीमा परिषद और सामान्य जीवन बीमा परिषद के द्वारा एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का भी निर्देश दिया है। यह प्रकोष्ठ उस अस्पताल के नजदीक स्थापित होगा जहां बी जे मेडिकल कॉलेज के पीड़ितों का इलाज चल रहा है। प्रत्येक बीमा कंपनियों को उच्च स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामित करने के लिए कहा है। यह अधिकारी संयुक्त प्रकोष्ठ के साथ मिलकर अपनी बीमा कंपनियों के पास आ रहे दावों का निपटारा करेगा। बीमा नियामक ने बीमा कंपनियों को इस संबंध में 16 जून से अगले एक महीने तक साप्ताहिक आधार पर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है। इस बीच, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी लाइफ सहित बड़ी जीवन बीमा कंपनियां प्रभावित पॉलिसीधारकों के बीमा दावों के निपटान में जुट गई हैं।
एलआईसी ने पॉलिसियों के दावाकर्ताओं की परेशानी दूर करने के लिए दावा निपटान की प्रक्रिया सरल करने की घोषणा की है। बजाज आलियांज ने भी दावों के निपटान के लिए एक विशेष दल का गठन किया है। यह दल इस विमान दुर्घटना से प्रभावित लोगों की मृत्यु या विकलांगता के दावों के निपटान को प्राथमिकता देगा।
एचडीएफसी लाइफ के अनुसार पॉलिसीधारकों द्वारा नामित व्यक्ति या उनके कानूनी वारिस स्थानीय प्रशासन, पुलिस या अस्पतालों की तरफ से जारी मृत्यु के प्रमाण देकर दावे की प्रक्रिया शुरू करा सकते हैं।