HDFC-HDFC बैंक के विलय के बाद भारत की बैंकिंग व्यवस्था में बदलाव को ध्यान में रखते हुए देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी शीर्ष स्थिति बरकरार रखने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि ‘हम इस पर नजर रख रहे हैं और हम शीर्ष पर बने रहेंगे। हमारे सामने कोई चुनौती नहीं है।’ प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने में शाखाओं का प्रसार और डिजिटल प्लेटफॉर्म और सेवाओं को मजबूत करना प्रमुख है।
जुलाई-सितंबर 2023 पहली तिमाही थी, जब HDFC-HDFC बैंक ने संयुक्त इकाई के रूप में काम किया, जिससे ऋण के साथ जमा को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। 30 सितंबर 2023 तक एसबीआई का ऋण 34.11 लख करोड़ रुपये और जमा 46.89 लाख करोड़ रुपये था।
वहीं सितंबर 2023 के अंत तक HDFC बंक का ऋण 23.54 लाख करोड़ रुपये और जमा 21.72 लाख करोड़ रुपये था। डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म योनो में सुधार के साथ एसबीआई इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में मिलाकर 600 शाखाएं खोलने जा रहा है। बैंक ने शाखाएं खोलने के संभावित इलाकों का चयन पहले ही कर लिया है। अगले 9 से 12 महीने में पूरी तरह बदले योनो को पेश कर दिया जाएगा।
वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के परिणाम की घोषणा के दौरान खारा ने कहा, ‘हमारी 22,400 शाखाएं और 79,00 कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) हैं। ऐसे में जब शाखाओं में आने वालों की संख्या देखें तो हमारे पास बड़ी संख्या है।’
HDFC बैंक की 7,945 शाखाएं और 15,352 बिजनेस करेस्पॉन्डेंट सेंटर हैं, जो प्राथमिक रूप से सीएससी से प्रबंधित होते हैं। खारा ने कहा, ‘विलय जारी रहेंगे लेकिन हम स्थिति का अध्ययन करते रहेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हम सबसे आगे बने रहें।’