वित्त-बीमा

डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन ने चेताया – आंकड़ों पर निर्भरता से जोखिम संभव

एल्गोरिदम के आधार पर फैसले करने, आंकड़ों पर अत्यधिक निर्भरता, कुछ प्लेटफॉर्मों पर सेवाएं केंद्रित होने और तकनीक के एक दूसरे से गहराई से जुड़े होने से जोखिम पैदा हो सकता है

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- October 15, 2025 | 11:22 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने चेतावनी दी है कि एल्गोरिदम के आधार पर फैसले करने, आंकड़ों पर अत्यधिक निर्भरता, कुछ प्लेटफॉर्मों पर सेवाएं केंद्रित होने और तकनीक के एक दूसरे से गहराई से जुड़े होने से जोखिम पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर इसका सही से प्रबंधन नहीं किया गया तो यह समस्या एक संस्थान से होते हुए पूरी वित्तीय व्यवस्था में फैल सकती है।

स्वामीनाथन ने कहा, ‘फिनटेक, डिजिटल प्लेटफॉर्मों और एम्बेडेड फाइनैंस मॉडलों के तेजी से उदय के बाद वित्तीय व्यवस्था की सीमा का तेजी से विस्तार हुआ है और इससे नए तरह के जोखिम पैदा हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि ये केवल डिजिटल रूप में पारंपरिक जोखिम नहीं हैं, बल्कि एल्गोरिदम के आधार पर फैसले करने, आंकड़ों पर भारी निर्भरता, कुछ प्लेटफॉर्मों तक सेवाओं के केंद्रित होने और एक दूसरी तकनीक के बीच गहरे संबंधों के कारण पैदा हुए खतरे हैं।  उन्होंने कहा, ‘अगर इन जोखिमों का प्रबंधन नहीं किया गया, तो वे तेजी से व्यक्तिगत संस्थानों से व्यापक सिस्टम में फैल सकते हैं।’

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक, वित्तीय संस्थानों को एक सक्रिय लचीलेपन की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिसमें डिजिटल जोखिम जागरूकता और सुरक्षा उपायों को उनके प्रशासनिक ढांचे में शामिल किया जाना शामिल है। स्वामीनाथन ने कहा, ‘नवोन्मेष और सुरक्षा अलग अलग लक्ष्य नहीं हैं। जब इनका सही संतुलन होगा तो वे एक दूसरे के पूरक होंगे और इससे भरोसा बहाल होगा।’

First Published : October 15, 2025 | 11:04 PM IST