प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
सरकारी स्वामित्व वाली ऋणदाता हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हडको) की नजर 1 लाख करो़ड़ रुपये के अर्बन चैलेंज फंड को धन मुहैया कराने के लिए शहरी स्थानीय निकाय अर्बन लोकल बॉडी (यूएलबी) या जमीनी स्तर के निगमों पर है। ये धन मुहैया कराने में अंतिम छोर तक भूमिका निभाएंगे। दरअसल, सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के अर्बन चैलेंज फंड की घोषणा की है।
हडको के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक संजय कुलश्रेष्ठ ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी अर्बन इन्वेस्ट विंडो पर काम कर रही है। यह यूएलबी को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन मुहैया कराने का सहायक मंच है। इस सिलसिले में महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सहित कई राज्यों के साथ इस पर चर्चा तेजी से आगे बढ़ी है।
उन्होंने बताया, ‘राज्यों में कई परियोजनाएं कतार में हैं। हम क्षमता निर्माण और परियोजनाओं को बनाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करेंगे। उसके बाद लेनदेन सलाहकार उनके साथ काम करने के लिए होंगे ताकि वे निवेश समुदाय के समक्ष अपनी परियोजनाओं को पेश कर सकें।’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में दिए बजट भाषण में अर्बन चैलेंज फंड को घोषणा की थी। लिहाजा शहरी क्षेत्र को धन मुहैया कराने की मांग जोर पकड़ रही है। यह पहल धन प्राप्त करने योग्य परियोजनाओं के लिए 25 प्रतिशत सहायता प्रदान करती है जो शहरों को विकास केंद्र के रूप में स्थापित करती हैं। यह कदम बहु लाख करोड की परियोजना के ऋणदाताओं को अवसर मुहैया करवाता है।
कुलश्रेष्ठ ने बताया कि हडको धन मुहैया कराने के चरण में इन पहलों को देखता है। इससे ऋण देने की सुविधा का विस्तार किया जाएगा।