भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. | फाइल फोटो
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. ने सोमवार को कहा कि भारत की वित्तीय प्रणाली में मजबूती के साथ तेजी से आगे बढ़ने का मिश्रण होना चाहिए। वित्तीय प्रणाली में क्रिकेट के टी 20 की तर्ज पर नवाचार और ऊर्जा हो लेकिन इसमें टेस्ट क्रिकेट की तरह मजबूती व समझदारी हो। उन्होंने कहा कि संस्थान न केवल तेजी से आगे बढ़ें बल्कि दशकों तक डटे रहें।
स्वामीनाथन ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के कार्यक्रम में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों को साझेदार के रूप में देखता है। उन्होंने कहा, ‘हमारी भूमिका अंपायर की तरह है: हम नियम निर्धारित करते हैं और उनकी व्याख्या करते हैं। खेल की निगरानी करते हैं। ’
उन्होंने कहा कि बैंकों को ग्राहकों की अच्छी सेवा करके, जोखिमों का विवेकपूर्ण प्रबंधन करके और विकास को समर्थन देकर रन बनाने चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि मजबूत शासन, नैतिक संस्कृति और उद्देश्य की स्पष्ट समझ संस्थानों को चक्रों से निपटने, झटकों को झेलने और लंबी अवधि में अपने ग्राहकों और अर्थव्यवस्था की सेवा करने में सक्षम बनाती है।
स्वामीनाथन ने कहा कि तकनीक ने बैंकों, गैर बैंकों और बड़ी वित्तीय कंपनियों की सीमाओं को धुंधरा कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी, ‘अब केवल बैंकों के बीच ही प्रतिस्पर्धा नहीं है। यह ग्राहकों के फोन पर रहने वाला ऐप भी हो सकता है। दुनिया में प्रतिष्ठा का जोखिम और भी बढ़ गया है जहां सूचना और गलत सूचना तुरंत फैल जाती है। किसी एक ग्राहक की शिकायत को ढंग से नहीं हल किया गया तो यह कुछ घंटे में सार्वजनिक मुद्दा बन सकता है।