धातु और ऊर्जा कीमतों में तेजी और ऋणदाताओं द्वारा लगातार बेहतर प्रदर्शन किए जाने से भारतीय उद्योग जगत द्वारा 2020-21 की चौथी तिमाही में दो अंक की राजस्व वृद्घि दर्ज किए जाने की संभावना है। हालांकि सालाना आधार पर इसे कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से चौथी तिमाही में कम आधार से मदद मिलेगी।
देश के प्रमुख ब्रोकरों को निफ्टी-50 कंपनियों द्वारा वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 1.2 लाख करोड़ रुपये का संयुक्त शुद्घ लाभ हासिल किए जाने की संभावना है जिससे एक साल पहले के 49,656 करोड़ रुपये के मुकाबले 142 प्रतिशत की सालाना वृद्घि का संकेत मिलता है।
हालांकि आय में तिमाही आधार पर करीब 2 प्रतिशत की कमी आने की आशंका है, क्योंकि उपभोक्ता वस्तु एवं निर्माण कंपनियों पर बढ़ती धातु और ऊर्जा कीमतों का विपरीत प्रभाव दिख रहा है। ये विश्लेषण मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी, और एडलवाइस सिक्योरिटीज समेत विभिन्न इक्विटी ब्रोकरों द्वारा वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के लिए जताए गए आय अनुमानों पर आधारित हैं।
बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए, शुद्घ बिक्री शुद्घ ब्याज आय है, जबकि अन्य के लिए उनकी कुल आय वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री से संबंधित है। वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही के लिए शुद्घ बिक्री और कर बाद-शुद्घ लाभ ब्रोकरेज के अनुमानों पर आधारित है, जबकि दर्ज आंकड़े पिछली तिमाहियों के लिए हैं।
मुनाफे में वृद्घि को धातु एवं खनन, तेल एवं गैस, बैंक, एनबीएफसी, और सीमेंट कंपनियों जैसे चक्रीयता संबंधित क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियों से मदद मिलने की संभावना है।
धातु एवं खनन कंपनियों द्वारा वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में तिमाही आधार पर अपना सर्वाधिक शुद्घ लाभ दर्ज किए जाने की संभावना है, और यह सालाना आधार पर चार गुना और वित्त वर्ष 2019 की चौथी तिमाही के मुकाबले करीब 60 प्रतिशत तक ज्यादा रह सकता है।
इसी तरह, तेल एवं गैस कंपनियों द्वारा चौथी तिमाही में सर्वाधिक लाभ दर्ज किए जाने की संभावना है। इन चक्रीयता आधारित क्षेत्रों की कंपनियों के साथ साथ दूरसंचार दिग्गज भारती एयरटेल भी सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में सूचकांक आय के संदर्भ में वृद्घि में तीन-चौथाई का योगदान देगी।
सूचकांक कंपनियों (चक्रीयता और दूरसंचार को छोड़कर) का संयुक्त शुद्घ लाभ तिमाही आधार पर 12.8 प्रतिशत कम रहने की आशंका है जिससे अल्पावधि में कॉरपोरेट आय प्रभावित होने का संकेत मिलता है।
एडलवाइस सिक्योरिटीज के प्रतीक पारेख, आदित्य नारायण और पदमावती उडेचा ने चौथी तिमाही के लिए अपनी आय पूर्व समीक्षा में लिखा, ‘दर्ज आधार पर, मुनाफा वृद्घि चक्रीयता- जिंस, बैंक, उद्योग और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी (ऑटो को छोड़कर) में काफी मजबूत रहने की संभावना है। हालांकि आय की गति में कुछ नरमी एफएमसीजी, सीमेंट और घरेलू वाहन क्षेत्र में देखी जा सकती है क्योंकि उत्पादन लागत में वृद्घि से दबाव पड़ा है।’
इसके साथ, सूचकांक कंपनियों द्वारा वित्त वर्ष 2021 का समापन 3.94 लाख करोड़ रुपये के शुद्घ लाभ के साथ किए जाने की संभावना है, जो सालाना आधार पर 25 प्रतिशत तक ज्यादा है। हालांकि वित्त वर्ष 2020 में कम आधार की वजह से, निफ्टी आय में दो वर्षीय सालाना वृद्घि दर करीब 9 प्रतिशत रहने की संभावना है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के लिए अपने आय अनुमान में लिखा है, ‘मजबूत आय और अपग्रेड वाली लगातार दो तिमाहियों के बाद, हमें अन्य तिमाही के भी मजबूत रहने की संभावना है, क्योंकि इसे वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही के कमजोर आधार और वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के ज्यादातर हिस्से में मजबूत मांग सुधार का लाभ मिलने की संभावना है। विभिन्न क्षेत्रों में जिंस लागत वृद्घि के बावजूद प्रदर्शन मजबूत रहने का अनुमान है।’
इसी तरह, निफ्टी-50 कंपनियों की संयुक्त शुद्घ बिक्री वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही के मुकाबले 7.6 प्रतिशत तक ज्यादा रहने की संभावना है।