बीमा क्षेत्र में लगातार बढती प्रतिस्पर्धा के बीच भारत की पांच बड़ी प्राइवेट बीमा कंपनियों में शुमार मैक्स न्यू यॉर्क लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए नई बीमा और बचत योजना शुरू करने का ऐलान किया है।
इस नई स्कीम का नाम मैक्स विजय है। इस बारे में उन्होंने जो मैथ्यू और प्रशांत साहू से बातचीत की। पेश है उनकी बातचीत के कुछ अंश:
क्या सरकार द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 49 फीसदी कर देने के प्रस्ताव से मैक्स इंडिया पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
इस कदम से न्यू यॉर्क लाइफ को मैक्स न्यू यॉर्क लाइफ इंश्योरेंस कं. में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। लेकिन इसका कतई यह मतलब यह नही है कि इससे हमारे संयुक्त कारोबार पर कोई प्रभाव पड़ेगा। हमने पहले से ही काफी आक्रामक योजनाओं की घोषणा कर रखी है।
लिहाजा इस कदम का भारत की बड़ी कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि टीयर टू स्तर की कंपनियां जिनमें घरेलू बीमा कंपनियां थोड़ी उदासीन हैं, उनके लिए अच्छी बात यह हो सकती है कि वह अपने कारोबार के प्रति और ज्यादा आक्रामक हों। इसके अलावा कई विदेशी कंपनियां भी निश्चित तौर पर इस मौके का इंतजार कर रही होंगी कि कब उन्हें मौका मिले। जाहिर तौर पर इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जो उद्योग के लिए शुभ संकेत है।
मैक्स इंडिया के लिए जीवन बीमा कितना अहम है?
जीवन बीमा की कितनी अहमियत है यह इसी बात से मालूम किया जा सकता है कि मैक्स इंडिया के कुल कारोबार में 75 फीसदी हिस्सा इसी कारोबार का है। स्पष्ट है कि यह हमारे रेवेन्यू स्रोत के रुप में आगे भी अहम बना रहेगा। हम 2011-12 तक कल पांच अरब रुपये का कारोबार करने वाली कंपनी बनना चाहते हैं जिसमें दो तिहाई हिस्सा इसी कारोबार से आनी चाहिए। जबकि मार्च 2009 तक के अंत तक हम 1.7 अरब डॉलर से ज्यादा की रेवेन्यू जुटाना चाहते हैं।
आप खुद को निजी क्षेत्र के दूसरे जीवन बीमा का कारोबार करने वालों से किस प्रकार अलग पाते हैं?
दूसरों से अलग मैक्स शुद्ध रुप से जीवन बीमा का कारोबार करने वाली कंपनी है। जबकि दूसरी कंपनियों के लिए यह उनके कई कारोबारों में एक है। मेरी जहां तक बात है तो मैक्स इंडिया एक होल्डिंग कंपनी होने के नाते जीवन बीमा सबसे बड़ा कारोबार है।
आपने ब्रिटेन की प्रमुख बीमा कंपनी बीयूपीए के साथ स्वास्थ्य बीमा का कारोबार करने के लिए सुंयुक्त उपक्रम की घोषणा की है। इस पर आप किस प्रकार आगे बढ़ने का इरादा रखते हैं?
स्वास्थ्य जनित बीमा का कारोबार करने वाली कंपनियों में इस वक्त बस दो से तीन ऐसी कंपनियां हैं जिनके संयुक्त उपक्रम नही हैं। लिहाजा उनके प्रदर्शन पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना काफी जल्दबाजी होगी। जबकि मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का काफी स्पष्ट कारोबारी प्लान है। जबकि दूसरी कंपनियों ने भले ही अपनी योजनाओं की पहले से घोषणा कर दी हो। लेकिन महज घोषणा कर देना और शुरू कर देना काफी नही होता है। आपको एक लक्ष्य निर्धारित करना होता है और हम 17 महीनों के लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं ताकि जब हम घोषणा करें तो फिर आगे भी बढ़ सकें।
आपका हेल्थकेयर कारोबार किस स्थिति में है?
हमारे पास इसके लिए बड़ी योजनाएं हैं। हम चार नए अस्पताल स्थापित करने जा रहे हैं। जिनमें तीन दिल्ली में जबकि एक उत्तर भारत में कहीं और स्थापित होंगे।
इस बारे में भी खबरें हैं कि मैक्स इंडिया अपने हरेक कारोबार को स्टॉक-एक्सचेंज में एक अलग कंपनी के रुप में लिस्ट करवाने जा रहा है। इस पर आपका क्या कहना है?
यह रिपोर्ट सरासर गलत है। मैने पहले भी कहा था कि हम एक खास समय के बाद ही लिस्टिंग करेंग। यह या तो दो सालों बाद या फिर 12 सालों बाद हो सकता है। मगर इस वक्त मैं आपको सुनिश्चित करता हूं कि हम कम से कम अगले कुछ सालों में लिस्टिंग नही करने जा रहे हैं।
आपके प्लास्टिक कारोबार की क्या हालत है? क्या इसे बेचने का कोई इरादा भी है क्योंकि इस वक्त आपका सारा ध्यान हेल्थकेयर सेवाओं सहित जीवन और गैर जीवन बीमा क्षेत्रों की ओर लगा हुआ है?
मैं इस बात से सहमत हूं कि हमारे विभिन्न कारोबारों से यह थोड़ा अलग है। लेकिन यह खासा सफल कारोबार है। लिहाजा इसे जारी रहने दें। लेकिन इस वक्त मैं अपनाई जाने वाली रणनीति का खुलासा नही कर सकता हूं।