अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) द्वारा तैयार किए गए मसौदा पत्र (सिंथेसिस पेपर) में कहा गया है कि क्रिप्टो संपत्तियों को आधिकारिक मुद्रा या वैध मुद्रा का दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही केंद्रीय बैंकों को अपने आधिकारिक मुद्रा भंडार में क्रिप्टो संपत्तियों को जमा करने से बचना चाहिए क्योंकि ये मौद्रिक और वैश्विक वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा करते हैं। रिपोर्ट में क्रिप्टो संपत्तियों के लिए स्पष्ट कराधान की जरूरत पर भी जोर दिया गया है और देशों को मौद्रिक संप्रभुता की रक्षा करने की सलाह दी गई है।
आईएमएफ और एफएसबी की संयुक्त रिपोर्ट क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित करने के लिए चल रहे जी-20 विचार-विमर्श का हिस्सा है। राजकोषीय जोखिम को रेखांकित करते हुए मसौदा पत्र में कहा गया है कि अगर क्रिप्टो संपत्तियों को वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) का दर्जा दिया जाता है तो सरकार के राजस्व पर विनियम दर के जोखिम का असर पड़ सकता है।
क्रिप्टो संपत्तियां ‘मुद्रा’ की तीन बुनियादी शर्तों को पूरा नहीं करती हैं। इन शर्तों में खाते की इकाई, विनिमय के साधन और निहित मूल्य शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि क्रिप्टो संपत्तियों से संबंधित सभी गतिविधियों को अवैध करार देने और उन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना महंगा सौदा हो सकता है तथा इसे लागू करना भी तकनीकी तौर पर कठिन हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टो संपत्तियों पर प्रतिबंध लगाना ‘आसान विकल्प’ नहीं है। उसमें यह भी कहा गया है कि अस्थायी प्रतिबंध सुदृढ़ वृहद आर्थिक नीतियों का विकल्प नहीं होना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार प्रभावी रूपरेखा और नीतियां विकसित करना क्रिप्टो संपत्तियों के प्रतिस्थापन को सीमित करने का सबसे अच्छा तरीका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वसनीय संस्थागत ढांचा और व्यापक विनियमन तथा निगरानी क्रिप्टो संपत्तियों द्वारा पैदा होने वाले वृहद आर्थिक और वित्तीय जोखिम के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति है।
क्रिप्टो संपत्तियों के व्यापक विनियमन और पर्यवेक्षी निरीक्षण का आह्वान करते हुए रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि देशों को बड़े घाटे और उच्च ऋण के बोझ से बचना चाहिए तथा भुगतान के लिए क्रिप्टो संपत्तियों के उपयोग से परहेज के लिए प्रभावी मौद्रिक नीति ढांचा अपनाना चाहिए।
हालांकि रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर क्रिप्टो संपत्तियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव से सरकार के राजस्व पर असर से बचने के लिए आधिकारिक भुगतान में क्रिप्टो के उपयोग को सीमित रखते हुए इन संपत्तियों का उपयोग किया जाता है तो सरकारों को इससे जुड़े वित्तीय और परिचालन जोखिमों को कम करने पर ध्यान देना चाहिए।
संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक वित्तीय प्रणाली में क्रिप्टो संपत्तियों के बढ़ते उपयोग और एकीकरण को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ एक समन्वित नियम बनाने की जरूरत है जो व्यापक नीति का आधार बनेगा और इन मानकों को प्रभावी तरीके से लागू करेगा। इसमें कहा गया है कि क्रिप्टो संपत्तियां किसी देश की सीमा में बंधी नहीं हैं जिससे किसी एक देश का राष्ट्रीय विनिमयन इसके लिए कारगर नहीं हो सकता है।
एफएसबी और आईएमएफ ने वर्चुअल संपत्तियों से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), आतंकवाद के लिए धन जुटाना और विनाशक हथियारों के प्रसार के जोखिमों के प्रति भी ध्यान आकृष्ट किया है। साथ ही देशों से वित्तीय कार्रवाई कार्यबल मानकों को अपनाने सहित उन जोखिमों की पहचान कर उसे दूर करने के लिए उचित कदम उठाने का भी सुझाव दिया है।
छद्म नामों वाली क्रिप्टो संपत्तियां कर राजस्व संग्रह तथा कर अनुपालन को कमजोर कर सकती हैं क्योंकि इनमें कर वसूलना और तीसरे पक्ष से जानकारी जुटाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
नीति निर्माताओं को क्रिप्टो संपत्तियों की कानूनी स्थिति आदि को स्पष्ट कर अत्यधिक पूंजी प्रवाह की अस्थिरता से निपटने के लिए भी कदम उठाने चाहिए। आईएमएफ और एफएसबी की रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि अगर पूंजी प्रवाह को प्रबंधित करने के उपाय कम प्रभावी होते हैं तो संबंधित देशेां को मौद्रिक स्वायत्तता, विनियम दर स्थिरता और वित्तीय स्वतंत्रता के तीन प्रतिस्पर्धी उद्देश्यों के बीच संतुलन कायम करते हुए विनियम दर को अधिक लचीला बनाने पर विचार करने की जरूरत हो सकती है।
बाजार के किसी भागीदार की विफलता क्रिप्टो संपत्ति बाजार के अन्य हिस्सों को तत्काल झटका दे सकती है। यदि क्रिप्टो संपत्ति की गतिविधियों और पारंपरिक वित्तीय प्रणाली के बीच अंतर्संबंध बढ़ता है तो पारंपरिक वित्त के अहम हिस्से पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर ढांचे के अभाव, बैंकिंग सुविधाओं से वंचित बड़ी आबादी, सीमा पार लेनदेन की ऊंची लागत के कारण क्रिप्टो संपत्तियों से ज्यादा वृहद आर्थिक एवं वित्तीय जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।
आईएमएफ, एफएसबी और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन तथा मानक निर्धारण निकाय साथ मिलकर साथ मिलकर जी20 सदस्य देशों के अलावा भी संस्थागत क्षमता निर्माण, वैश्विक समन्वय, सहयोग और सूचना साझा करने की दिशा में काम कर रहे हैं और तेजी से बदलते क्रिप्टो संपत्ति के तंत्र को समझने के लिए जानकारी की कमी को दूर करने पर काम कर रहे हैं।