facebookmetapixel
मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स से भारत में कारोबार बढ़ाएगी डीपी वर्ल्डटाइटन ने लैब-ग्रोन डायमंड बाजार में रखा कदम, ‘beYon’ ब्रांड लॉन्चभारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारकेंद्र से पीछे रहे राज्य: FY26 में राज्यों ने तय पूंजीगत व्यय का 38% ही खर्च कियाएनकोरा को खरीदेगी कोफोर्ज, दुनिया में इंजीनियरिंग सर्विस सेक्टर में 2.35 अरब डॉलर का यह चौथा सबसे बड़ा सौदाकिराया बढ़ोतरी और बजट उम्मीदों से रेलवे शेयरों में तेज उछाल, RVNL-IRFC समेत कई स्टॉक्स 12% तक चढ़ेराजकोषीय-मौद्रिक सख्ती से बाजार पर दबाव, आय सुधरी तो विदेशी निवेशक लौटेंगे: नीलकंठ मिश्र

कॉफी फ्रैक्टल

Last Updated- December 05, 2022 | 4:36 PM IST


कॉफी के भगवान अब जाग गये हैं और उन्होंने कॉफी प्रेमियों को दंडित करने का निर्णय लिया है। कॉफी के दाम कुछ सालों बाद इतने बढ़ने वाले हैं कि शायद हममें से कई इसका कारण नहीं ढूंढ पायें।



फ्रैक्टल साइंस



साइकल्स और फ्रैक्टल्स प्रकृति के भाग हैं और प्रत्येक वस्तु के अस्तित्व के पीछे है। जनसंख्या के फ्रैक्टल की खोज 200 साल पहले की गयी थी और उसके बाद फ्रैक्टल ऑफ मास साइकोलॉजी की खोज चार्ल्स डाऊ ने 1880 के दशक में की। अब वैज्ञानिकों ने फ्रैक्टल रिसर्च के लिये हाथ मिलाया है जो कुछ 30 सालों से प्रगति पर है।


 


 फ्रैक्टल को लोकप्रियता प्राप्त करने में अभी 15 से 20 साल और लग सकते हैं और तब ये आज से भी ज्यादा लोकप्रिय हो सकते है। लेकिन स्टॉक मार्केट और मास साइकोलॉजी फ्रैक्टल लोकप्रिय नहीं हो सकते हैं।


 


इसके बावजूद भी कि ये जबरदस्त शुध्दता देते हैं। झुंड में अच्छी खासी ताकत होती है, व्यक्तिगत क्षमताओं का मूल्यांकन सामान्य होता है, निश्चित विचारों पर टिकना आसान होता है। यह सब इस विश्वास पर होता है कि बाजार हमेशा शुध्द मूल्य सिध्दांत पर गतिमान होता है।


 


लेकिन जब यह कार्य करता है तो जिन बातों की जरुरत होती है उनमें इंटरनेट, एक व्यापार व्यवस्था, बाजार, कुछ नियम, झुंड और एक कप कॉफी के सामने टिकने की क्षमता की जरुरत होती है। यद्यपि इनमें से ज्यादातर चीजों को पाया जा सकता है। लेकिन इनमें जो सबसे मुश्किल है उसमें एक कप कॉफी को सिप करने की क्षमता और कुछ नियमों का पालन करना है।


 



कॉफी: बढ़ती पेचीदगी


कॉफी के दामों में न्यू यार्क स्पॉट में दिसंबर 2007 से 60 फीसदी का और एमसीएक्स रोबस्टा पर अप्रैल 2007 से 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह एक अन्य उच्च परिसंपत्ति बढ़त थी बाद में आने वाले समाचार के साथ जो कि करीब एक साल बाद आयी।


 


दिसंबर 2006 में कॉफी बीन के अधिक उत्पादन का जिक्र था और अक्टूबर 2007 में भविष्यवाणी थी कि कॉफी पर उठाये जाने वाले सभी कदम समाप्त हो जायेंगे और बीन का उत्पादन अगले 12 महीनों में 100 फीसदी बढ़ जायेगा। जैसे जैसे दाम बढ़ रहे हैं वैसे वैसे कॉफी की सबसे बड़ी चेन स्टारबक कर्मचारी यूनियन के दबाव में आ रही है। यह हालिया समय के लिये दिख सकता है लेकिन अमेरिकी उपभोक्ता अब कुछ साल पहले की अपेक्षा अधिक जागरुक हो गये हैं।


 


मैं आपको याद दिला दूं कि यह सिर्फ एक शुरूआत है। हम इस समय 2008 की पहली तिमाही में है और कॉफी अभी भी चर्चा में है। जैसे जैसे समय बढ़ेगा यह समय कॉफी प्रेमियों और कॉफी कंपनियों के लिये और भी मुश्किल होता जाएगा। यदि आप एक अलग ढंग से सोचने वाले व्यक्ति नहीं है तो आप धनी होने की न ही सोचे तो अच्छा है।


 


 अगर आप अमीर नही हैं तो आप स्टारबक की एक कप कॉफी का भी आनंद नहीं ले सकते हैं। कॉफी के दामों में 100 फीसदी तक का उछाल आया है। लंबे समय में कॉफी एक लक्जरी उत्पाद हो सकता है जबकि अक्टूबर 2007 में इसकी कीमतें काफी कम थी।



कॉफी में निवेश का भविष्य



अगर तेल की जगह काफी को रखकर देंखे तो यह ज्यादा परेशान करने वाली बात होगी। अभी कॉफी के दाम 300 रुपये प्रति कप होने में समय है फिर भी इंटरनेट पर इसके विज्ञापनों की भरमार को आप देख सकते हैं। कॉफी की बढ़ती कीमतों को देखते हुये एक नई संकल्पना आई है कि क्यों न कॉफी को एक निवेश का विकल्प बनाया जाये।


 


 इसी विचार के तहत कॉफी पाट फंड की संकल्पना अस्तित्व में आई है। इसकी कीमतें तो इतनी बढ़ती जा रही हैं कि अगर लंबी अवधि की दृष्टि से देखा जाये तो अमेरिका में इसकी कीमत एक चौड़े टेलीविजन स्क्रीन के बराबर ठहरती हैं।


 


लेखक वैश्विक शोध कंपनी ऑर्फे यस कैपिटल्स के सीईओ हैं।

First Published - March 17, 2008 | 4:25 PM IST

संबंधित पोस्ट