अधिकांश कार खरीददार कार जब ऋण के लिए आवेदन करते हैं,तब उनके सामने एक सवाल खड़ा होता है कि उन्हें फिक्स्ड (न बदलने वाली)दरों पर ऋण लेना चाहिए या फ्लोटिंग (बीच बीच में बदलने वाली)रेट पर।
यह सवाल कार ऋण की अवधि के आवासीय ऋण की अवधि से कम होने के कारण और महत्वपूर्ण हो जाता है। उदाहरण के लिए होम लोन की अवधि 15 से 20 सालों की होती है जिसके तहत लेनदार को विभिन्न ब्याज दरों से गुजरना पड़ता है। अगर बीच में ब्याज दर में इजाफा होता तब उस स्थिति में मासिक किस्त (ईएमआई)में बढ़ोतरी होने की संभावना अधिक हो जाती है।
उदाहरण के लिए,अभी अधिकांश बैंक 11.5 प्रतिशत फ्लोटिंग रेट पर आवासीय ऋण दे रहें हैं जबकि तीन से चार साल पहले यह दर 7 प्रतिशत थी। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो आनेवाले लंबे समय तक फाइनेंस पर पडनेवाल असर कुल मिलाकर संतुलित रहेगा।
कार लोन सामान्यत: तीन से चार सालों (अधिकमत 7 साल)केलिए होते हैं और इसका मतलब यह हुआ कि कार खरीददार के लिए यह पता लगा पाना मुश्किल होगा कि वे उपर चढ़ते या गिरावट वाले दौर में प्रवेश कर रहा है। पिछले एक साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों जैसे भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ोदरा ने फ्लोटिंग ब्याज दर पर वाहन ऋण देना शुरू कर दिया है।
इसकी देखादेखी निजी क्षेत्र के बैंक भी फ्लोटिंग रेट पर वाहन ऋण उपलब्ध करा रहें हैं। मसलन आईसीआईसीआई बैंक जो पिछले साल सितंबर में फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट दोनों पर वाहन खरीदने के लिए कर्ज दे रही थी, ने 25 अगस्त से सिर्फ फ्लोटिंग रेट पर ही कर्ज देने का फैसला किया है।
आईसीआईसीआई बैंक के वाहन ऋण प्रमुख एन आर नारायण कहते हैं कि पहले हम अपने फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी करना चाह रहे थे लेकिन हमें अब लगता है कि यह दरें अपने उच्चतम पर हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसी ग्राहक केलिए फ्लोटिंग रेट पर वाहन के लिए ऋण लेना अर्थपूर्ण लगता है।
नारायण ने यह भी कहा कि अगले छह महीनों में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी हो सकती है जिसके बाद दरों में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। वित्तीय सेवा प्रदान करनेवाली कंपनी एक्रॉन वेल्थ के गोविंद पाठक ने कहा कि छह महीने पहले ब्याज दरों में अनिश्चितता को देखते हुए फिक्स्ड रेट पर कर्ज लेना बेहतर विकल्प था लेकिन अब फ्लोटिंग रेट पर कर्ज लेना ज्यादा उपयुक्त विकल्प लग रहा है।
हालांकि ऐसे लेनदार जो छोटी अवधि यानी छह से आठ महीनों केलिए ऋण ले रहें हैं, उनके लिए फिक्स्ड रेट अभी भी लाभदायक है लेकिन तीन से चार साल या उससे अधिक की अवधि के लिए फ्लोटिंग रेट ज्यादा बेहतर विकल्प है।
जहां तक ब्याज दर चुनने की बात है, ये सिर्फ मौजूदा समय के लिए समाधान माना जा सकता है लेकिन वाहन खरीददारों को भविष्य में ऋण लेते समय ब्याज दरों के विकल्पों को चुनने के समय काफी सावधानी बरतने की जरूरत होगी।