अक्टूबर महीने में भारत के अग्रणी भुगतान प्लेटफॉर्म यूपीआई ने शानदार प्रदर्शन करने के बाद नवंबर महीने में भी अपनी लय बरकरार रखी है। अक्टूबर महीने में यूपीआई के जरिये होने वाले लेनदेन की संख्या 4 अरब के पार चली गई थी और उन लेनदेनों का मूल्य 100 अरब डॉलर के उल्लेखनीय स्तर के पार चला गया था। नवंबर महीने में लेनदेनों की संख्या बढ़कर 4.18 अरब हो गई जिनका मूल्य 7.68 लाख करोड़ रुपये था।
मासिक आधार पर उच्च आधार के कारण लेनदेन की संख्या और मूल्य सपाट रहा। अक्टूबर में त्योहारी सीजन के खर्च को देखते हुए यूपीआई प्लेटफॉर्म ने लेनदेन के मूल्य और संख्या दोनों लिहाज से रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूआ था। सालाना आधार पर लेनदेन की संख्या में 89 फीसदी और मूल्य में 96 फीसदी की उछाल दर्ज की गई है।
कैलेंडर वर्ष में अब तक यूपीआई के माध्यम से 34 अरब लेनदेन हुए जिनका मूल्य 65.39 लाख करोड़ रुपये है। वहीं चालू वित्त वर्ष की बात करें तो अब तक 27 अरब लेनदेन हुए जो वित्त वर्ष 2021 में किए गए लेनदेन से अधिक है। वित्त वर्ष 2021 में प्लेटफॉर्म के माध्यम से करीब 22 अरब लेनदेन हुए थे। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष के लिए उनका लक्ष्य 40-42 अरब लेनदेन पर पहुंचने का है। देश में खुदरा डिजिटल भुगतान के लिए एनपीसीआई एक छत्र संगठन है।
2016 में आरंभ होने के बाद से यूपीआई को अपनाने में जबरदस्त उछाल देखी गई है। कोविड-19 महामारी आने से इसे अपनाने की रफ्तार और भी तेज हुई है। अक्टूबर 2019 में इसने पहली बार 1 अरब लेनदेन का आंकड़ा पार किया था। और उसके बाद एक वर्ष के भीतर ही यह 2 अरब लेनदेन के स्तर पर पहुंच गया। अक्टूबर 2020 में यूपीआई के जरिये पहली बार 2 अरब से अधिक लेनदेन हुए थे। इसके बाद 10 महीने में लेनदेन की संख्या 2 अरब से 3 अरब पहुंच गई जिससे उपभोक्ताओं के बीच खुदरा डिजिटल भुगतानों के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर यूपीआई की अविश्वसनीय प्रसिद्घि का संकेत मिला। इसके बार हर महीने 4 अरब लेनदेन पर पहुंचने में यूपीआई को महज तीन महीने का वक्त लगा।
