क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जारी करने वाले बैंकों की संख्या बढ़ने और अधिक संख्या में मर्चेंट टर्मिनलों के कारण वर्ष 2007-08 में प्लास्टिक मनी ट्रांजैक्शन (क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से होने वाला कारोबार) 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 70,459 करोड़ रुपये पहुंच गया।
रिजर्व बैंक के ताजा आंकडों के अनुसार वर्ष 2007-08 की 24.51 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तुलना में कार्ड परिचालन में यह बढ़ोतरी काफी महत्वपूर्ण है। इसका मुख्य कारण बैंकों का लोगों को कार्ड के जरिए रुपये की निकासी को प्रोत्साहित करना है। हाल के कुछ महीनों में बैंकों ने डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कैश-बैक जैसे लुभावने ऑफर दिए हैं।
एक बैंकर ने कहा कि लोगों को डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना हमारी रणनीति का हिस्सा है ताकि लोग अधिक से अधिक नकद राशि अपने खाते में रख सकें। शाखाओं पर अधिक लोग न आए और साथ ही कम परिचालन खर्च में कमी लाने के लिए बैंकों ने डेबिट कार्ड जारी करने केअभियान को तेज कर दिया है।
जारी किए गए इन कार्ड की कुल संख्या इस वर्ष मार्च के अंत तक 46.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 8.83 करोड़ रही जबकि वर्ष 2006-07 में यह संख्या 6 करोड़ 10 लाख थी। बैंकों द्वारा इक्वेटेड मंथली स्कीम (ईएमआई)के ऑफर से क्रेडिट कार्ड केइस्तेमाल में भी खासी बढ़ोतरी हुई है।
इसके आलावा बैंकों ने लोगों में क्रेडिट कार्ड बांटने में काफी दरियादिली दिखाई है हालांकि बैंक अपनी इस रणनीति की पुनर्समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि क्रेडिट कार्ड पर आउटस्टैंडिंग बैलेंस में तेजी से इजाफा हुआ है जिससे डिफॉल्टरों की संख्या बढ़ रही है।
वर्ष 2007-08 के दौरान कुल क्रेडिट कार्ड पर बकाया 43.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 5,843 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। इस वर्ष 23 मई तक बकाया 87 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 12,375 करोड रुपये रहा जबकि क्रेडिट कार्ड परिचालन की वैल्यू में 22.06 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।