Conversion of Small Finance Banks into universal banks: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नियमित बैंक या यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की न्यूनतम शुद्ध संपत्ति (नेटवर्थ) होने समेत निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले लघु वित्त बैंकों (स्मॉल फाइनैंस बैंक) से आज आवेदन आमंत्रित किए। रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2014 में निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों को लाइसेंस देने से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए थे।
वर्तमान में एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक, एक्विटास स्मॉल फाइनैंस बैंक और उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक सहित करीब एक दर्जन लघु वित्त बैंक कारोबार कर रहे हैं। पात्र लघु वित्त बैंक को यूनिवर्सल बैंक का लाइसेंस मिलने से उनके कारोबार में भी इजाफा होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि नियमित बैंक बनने का लक्ष्य रखने वाले लघु वित्त बैंक की पिछली तिमाही के अंत में न्यूनतम शुद्ध संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा उस बैंक का शेयर किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होना चाहिए।
बीते दो वित्त वर्षों में ऐसे लघु वित्त बैंक को शुद्ध लाभ कमाने वाला होना चाहिए और पिछले दो वित्त वर्षों में उसकी सकल गैर-निष्पादित आस्तियां 3 फीसदी और शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 1 फीसदी से कम या इसके बराबर होनी चाहिए। अन्य शर्तों में निर्धारित पूंजी-जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) आवश्यकता और न्यूनतम 5 वर्षों की अवधि के दौरान लघु वित्त बैंक का प्रदर्शन संतोषजनक होना चाहिए।
आरबीआई ने शेयरधारिता के संदर्भ में कहा कि पात्र लघु वित्त बैंक के लिए चिह्नित प्रवर्तक होने की कोई अनिवार्यता नहीं है। हालांकि पात्र लघु वित्त बैंक के मौजूदा प्रवर्तक, यदि कोई हैं, नियमित बैंक में तब्दील होने पर प्रवर्तक के रूप में बने रहेंगे। इसके अलावा लघु वित्त बैंक से नियमित बैंक बनने की अवधि के दौरान पात्र लघु वित्त बैंक के लिए नए प्रवर्तकों को शामिल करने या उनमें बदलाव की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
आरबीआई के सर्कुलर कहा गया है कि लघु वित्त बैंक से यूनिवर्सल बैंक में बदलने पर मौजूदा प्रवर्तकों के लिए न्यूनतम शेयरधारिता की कोई नई अनिवार्य लॉक-इन आवश्यकता नहीं होगी। आरबीआई ने दिसंबर 2019 में लघु वित्त बैंक को नियमित बैंकों में बदलने से संबंधित प्रक्रिया निर्धारित की थी।