कर्ज देने के मामले में देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जल्द ही अधिक राशि जमा करने वाले अपने ग्राहकों को परिसंपत्ति प्रबंधन और वित्तीय सेवा मुहैया कराने का फैसला किया है।
बैंक के इस फैसले से उन ग्राहकों को फायदा होगा, जिनके बैंक खाते में पांच लाख रुपये या इससे अधिक राशि जमा है। बैंक इन सेवाओं को अपनी शाखाओं केजरिये अपने ग्राहकों तक पहुंचाएगा और कुछ ही हफ्तों में बाकायदा ये सेवा शुरू कर दी जाएंगी।
बैंक के एक अधिकारी ने उन ग्राहकों की संख्या तो नहीं बताई, जिन्हें इस सेवा का लाभ मिलेगा। लेकिन उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमारी इस सेवा को लेकर लोगों के बीच अभी ज्यादा उत्सुकता नहीं दिख रही है, लेकिन आने वाले महीनों में इनके बारे में ज्यादा जानकारी मिलने के बाद उनकी तादाद में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी। इस बात का हमें पूरा यकीन है।’
एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक केपास ऐसे दस लाख से ज्यादा ग्राहक होंगे जिनके खातों में 5,00000 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा है। बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि इन सेवाओं की शुरूआत करने के मद्देनजर बैंक ने पहले ही करीब 1,200 वित्तीय प्रबंधकों की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया है।
इसके अलावा इसी तरह के कम से कम 1,200 अतिरिक्त पेशेवरों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी बैंक अब तक शुरू कर चुका है। अगले दो वर्षों में इसी तरह के 5,000 पेशेवर की नियुक्ति क रने की योजना है। हालांकि इनमें से अधिकांश प्रबंधक इसी उद्योग से लिए जा रहे हैं, लेकिन इन सेवाओं के लिए पर्सनल बैंकिंग विभाग के कुछ अधिकारियों की भी मदद ली जा रही है।
एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र का पहला बैंक है जो संपत्ति प्रबंधन और वित्तीय योजना सेवाओं को अपने ग्राहकों को मुहैया कराएगा। इससे पहले निजी और विदेशी बैंक इस तरह की सेवाएं शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियां भी अमीर ग्राहकों पर अपना ध्यान करती रही हैं।
हालांकि भारतीय स्टेट बैंक ने इन सेवाओं के लिए शुरूआती दौर में अपने पेशेवर को प्रशिक्षित किया है लेकिन हार्डवेयर की कमी और उससे संबंधित कुछ तकनीकी खामियां इन योजनाओं के पूर्ण क्रियान्वयन की राह में रोड़े अटका रही है।