एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट (एसबीआई म्युचुअल फंड) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बाजार में पेश हो सकता है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
परिसंपत्ति प्रबंधक के आईपीओ का आकार 7,000 से 7,500 करोड़ रुपये तक का हो सकता है, जो देश की सबसे बड़ी एमएफ कंपनी का मूल्यांकन 70,000 से 75,000 करोड़ रुपये पर पहुंचा देगा।
फंड हाउस व एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि आईपीओ की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और निवेश बैंकरों पर जल्द ही अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। बाजार नियामक सेबी के पास डीआरएचपी जनवरी के आखिर तक जमा कराया जाएगा।
एसबीआई एमएफ, भारतीय स्टेट बैंक और यूरोप की अग््रणी संपत्ति प्रबंधक अमुंडी का 63:37 के अनुपात वाला संयुक्त उद्यम है। बैलेंस शीट के आकार के लिहाज से एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है।
दोनों साझेदारों ने बुधवार को अपनी आईपीओ योजना का आधिकारिक ऐलान किया।
एसबीआई ने एक्सचेंजों को भेजी सूचना में कहा, बैंक के सेंट्रल बोर्ड की कार्यकारी समिति ने एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट में बैंक की छह फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचने की संभावना तलाशने को कहा है, जो सभी नियामकीय मंजूरी पर निर्भर करेगा।
फ्रांस की साझेदार ने एक अलग सूचना में क हा, अमुंडी इस पर पहल का समर्थन करती है और एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट में अपनी करीब 4 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का इरादा जताती है। आईपीओ साल 2022 में आएगा, जो नियामकीय मंजूरी व बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा।
एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, साझेदार 20 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी पर नजर बनाए हुए हैं, जो बैंंक की जमाओं व कर्ज आधार के समान होगा। उन्होंंने कहा कि आईपीओ से एसबीआई, अमुंडी और ईसॉप्स धारकों को नकदी में मदद मिलेगी।
उन्होंंने कहा, आईपीओ से मिलने वाली रकम और एसबीआई एमएफ का भविष्य में होने वाला विनिवेश बैंक का पूंजी आधार मजबूत करने में मदद करेगा।
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (एमकैप 1.18 लाख करोड़ रुपये) और एसबीआई कार्ड्स ऐंड पेमेंट सर्विसेज (एमकैप 84,570 करोड़ रुपये) के बाद बाजार मेंं सूचीबद्ध होने वाले एसबीआई एमएफ बैंक की तीसरी सहायक होगी। बैंक एसबीआई जनरल इंश्योरेंस को भी सूचीबद्ध कराने पर विचार कर रहा है।
सितंबर के आखिर में एसबीआई एमएफ का एयूएम 5.78 लाख करोड़ रुपये था और बाजार हिस्सेदारी 16 फीसदी।
