केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक से राज्य सरकारों को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का बकाया भुगतान में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। सीतारमण ने कहा है कि हालांकि, इसके लिए पहले से सरकार और अन्य प्रायोजक बैंक प्रयास कर रहे हैं।
उदयपुर में आयोजित गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के नौ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की समीक्षै बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने ग्रामीण बैंकों को अधिक ऋण देने के लिए अपने बेहतर चालू खाता बचत खाता (कासा) अनुपात का लाभ उठाने का निर्देश भी दिया है। बैठक में वित्त सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू, अतिरिक्त सचिव, वित्त सेवा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, प्रायोजक बैंकों के मुख्य कार्य अधिकारी, रिजर्व बैंक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के प्रतिनिधि और अन्य पांच राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को और अधिक ग्राहकों के अनुकूल बनने और अपने स्थानीय कनेक्शन का लाभ लेकर बेहतर प्रदर्शन करने का भी निर्देश दिया है। प्रायोजक बैंक तकनीकी सहायता प्रदान कर, बेहतर प्रथाओं के बारे में बताकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि ग्रामीण बैंक बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
वित्त मंत्री ने लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण देना सुनिश्चित कर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) समूहों में स्थित ग्रामीण बैंकों की शाखाओं द्वारा सक्रिय भागीदारी के महत्त्व पर जोर दिया। मीडिया को दिए बयान में वित्त मंत्रालय ने बताया कि हालांकि सभी ग्रामीण बैंकों ने क्लस्टर गतिविधियों के अनुरूप एमएसएमई उत्पाद तैयार किए गए हैं मगर उन्हें इस क्षेत्र में अपने ऋण पोर्टफोलियो की भी नियमित तौर पर समीक्षा करने की जरूरत है।