facebookmetapixel
अगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांगसरकारी बैंकों के बोर्ड को मिले ज्यादा अधिकार, RBI नियमन और सरकार की हिस्सेदारी कम हो: एक्सपर्ट्सGST Reforms का फायदा लूटने को तैयार ई-कॉमर्स कंपनियां, त्योहारों में बिक्री ₹1.20 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमानFY26 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात $35 अरब छूने की राह पर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में तेजी: वैष्णवSEBI ने IPO और MPS नियमों में दी ढील, FPI रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो शुरू करने का ऐलानअधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगा

RBI ने अतिरिक्त कृषि ऋण की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की

नए निर्देश में बैंकों को प्रति उधारकर्ता 2 लाख रुपये तक के कृषि और संबद्ध गतिविधि ऋण के लिए जमानत, मार्जिन आवश्यकताओं को माफ करने को कहा है।

Last Updated- December 14, 2024 | 8:08 PM IST
FARMER

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जनवरी, 2025 से किसानों के लिए बिना जमानत के ऋण की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। यह कदम छोटे और सीमांत किसानों को बढ़ती लागत के बीच सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नए निर्देश में देशभर के बैंकों को प्रति उधारकर्ता 2 लाख रुपये तक के कृषि और संबद्ध गतिविधि ऋण के लिए जमानत और मार्जिन आवश्यकताओं को माफ करने का निर्देश दिया गया है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय बढ़ती लागत और किसानों के लिए ऋण सुलभता में सुधार की आवश्यकता के जवाब में लिया गया है। बयान में कहा गया है, “इस उपाय से छोटे और सीमांत भूमिधारक 86 प्रतिशत से अधिक किसानों को काफी लाभ होगा।”

बैंकों को दिशा-निर्देशों को तेजी से लागू करने और नए ऋण प्रावधानों के बारे में व्यापक जागरूकता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

इस कदम से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋणों तक आसान पहुंच की सुविधा मिलने की उम्मीद है और यह सरकार की संशोधित ब्याज छूट योजना का पूरक होगा, जो 4 प्रतिशत प्रभावी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है।

इस पहल को कृषि क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे किसानों को कृषि कार्यों में निवेश करने और अपनी आजीविका में सुधार करने के लिए बहुत जरूरी वित्तीय लचीलापन मिलेगा।

कृषि विशेषज्ञ इस पहल को ऋण समावेशन को बढ़ाने और कृषि आर्थिक विकास का समर्थन करने, खेती की इनपुट लागत पर मुद्रास्फीति के दबाव को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखते हैं।

First Published - December 14, 2024 | 8:08 PM IST

संबंधित पोस्ट