प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से कहा है कि वे ग्राहकों से ली जाने वाली कुछ खास फीस को कम करें। इनमें डेबिट कार्ड, लेट पेमेंट और मिनिमम बैलेंस जैसे मामलों की फीस शामिल हैं। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कदम से बैंकों की अरबों रुपये की कमाई पर असर पड़ सकता है। RBI का यह कदम तब आया है, जब बैंक रिटेल लोन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। पहले कॉरपोरेट लोन में हुए नुकसान के बाद अब पर्सनल लोन, कार लोन और छोटे बिजनेस लोन से बैंकों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। लेकिन इस तेजी ने RBI का ध्यान ग्राहकों की परेशानियों और निष्पक्षता की ओर खींचा है।
RBI को खास तौर पर उन फीस पर चिंता है, जो गरीब और कम आय वाले ग्राहकों को ज्यादा प्रभावित करती हैं। भारत जैसे सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में यह बड़ा मुद्दा है। हालांकि, RBI ने बैंकों को फीस कम करने की सलाह दी है, लेकिन इसकी कोई निश्चित सीमा तय नहीं की है।
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ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस बैंकबाजार के मुताबिक, अभी रिटेल और छोटे बिजनेस लोन की प्रोसेसिंग फीस 0.5% से 2.5% तक होती है। कुछ बैंक होम लोन की फीस को 25,000 रुपये तक सीमित करते हैं। बैंकों की फीस से होने वाली कमाई इस साल बढ़ी है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के डेटा के अनुसार, जून में खत्म हुए तिमाही में फीस से कमाई 12% बढ़कर 510.6 अरब रुपये हो गई। यह पिछले साल की तुलना में 6% ज्यादा है।
RBI ने देखा है कि अलग-अलग ग्राहकों से एक ही प्रोडक्ट के लिए अलग-अलग फीस ली जा रही है। यह निष्पक्षता के खिलाफ है। भारतीय बैंक संघ (IBA) भी बैंकों के साथ 100 से ज्यादा रिटेल प्रोडक्ट्स पर बात कर रहा है, जिन पर RBI की नजर है। मार्च 2024 में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकों और NBFC को ग्राहकों की शिकायतों पर ध्यान देने को कहा था। उन्होंने सुझाव दिया कि बैंकों के बड़े अधिकारी, जैसे MD और CEO, हफ्ते में एक बार शिकायतों को सुलझाने के लिए समय निकालें।
RBI के इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम के तहत शिकायतें दो साल में 50% की रफ्तार से बढ़ी हैं। 2023-24 में यह संख्या 9.34 लाख तक पहुंच गई। RBI ओम्बड्समैन को मिलने वाली शिकायतें भी 25% बढ़कर 2.94 लाख हो गईं। गवर्नर ने बताया कि 95 कमर्शियल बैंकों को 2023-24 में 1 करोड़ से ज्यादा शिकायतें मिलीं। अगर NBFC की शिकायतें जोड़ें, तो यह संख्या और ज्यादा होगी।