facebookmetapixel
SBI की दो बड़ी कंपनियां होंगी शेयर बाजार में लिस्ट, समय अभी तय नहीं: चेयरपर्सन सेट्टीMSME को अब मिलेगा लोन का बड़ा सपोर्ट, बैंकिंग सिस्टम में भरोसा बढ़ा: SBI चेयरमैन CS SettyWATCH: Business Standard BFSI Summit- Hall 2Q2 नतीजों के बाद दिग्गज ऑयल PSU Stock पर ब्रोकरेज ने बदली रेटिंग; खरीदे, बेचें या होल्ड करेंअमेरिका-यूरोप उलझे, टैरिफ के बावजूद चीन कमा रहा ट्रिलियनBFSI Summit 2025: PSU बैंक दे रहे BFSI सेक्टर को नई ऊंचाई- M NagarajuAGI से पहले ही Microsoft ने मजबूत की पकड़, OpenAI में 27% स्टेक पक्काभारतीय रियल एस्टेट में बड़ा बदलाव! विदेशी पैसा 88% घटा, अब घरेलू निवेशकों का जलवा30 नवंबर तक पेंशनर्स कर लें यह जरूरी काम, वरना दिसंबर में रुक सकती है पेंशनGold Silver Price: शादियों के सीजन में सोने-चांदी की चमक बढ़ी! गोल्ड 1.19 लाख के पार, सिल्वर 1.45 लाख के करीब

दो साल तक डेरिवेटिव रिकॉर्ड रखे बैंक : आरबीआई

Last Updated- December 14, 2022 | 8:31 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप जैसे डेरिवेटिव के साथ काम करने वाले बैंकों से अपने सभी रिकॉर्ड कम से कम दो साल तक रखने को कहा है और उनसे मार्केट-मेकर जैसे उत्पाद में सौदे नहीं करने को कहा है। डेरिवेटिव्स की इस सभी मूल्य निर्धारण और समय समय पर मूल्यांकन प्रक्रिया का रिकॉर्ड रखे जाने की जरूरत होगी, और यदि इसके लिए पहले से ही मजबूत मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है तो ऐसे मॉडल को समझने और उसकी जानकारी रखने की जरूरत होगी। यदि कुछ गैर-अवलोकन योग्य है जो उसका इस्तेमाल उचित होना चाहिए और गणनाओं का दस्तावेजीकरण होना चाहिए।
 
उत्पाद के विक्रेता को उत्पाद के खरीदार के बारे में उचित छानबीन करनी होगी, और सिर्फ ऐसे उत्पाद ही बेचे जा सकेंगे जो ग्राहक लक्ष्य ओर जोखिम क्षमता के अनुरूप हों। डेरिवेटिव्स के लिए आरबीआई द्वारा जारी मसौदा दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘उत्पाद सिर्फ उन उपयोगकर्ताओं के लिए पेश किया जाना चाहिए जिन्हें उत्पाद के स्वरूप और जोखिम को समझने का अच्छा अनुभव हो, और जो इन जोखिम को सहन करने के लिए वित्तीय रूप से सक्षम हों।’ इसके अलावा, उपयोगकर्ता को मुहैया कराए जाने वाले उत्पाद के अनुरूप व्यवसाय, वित्तीय परिचालन, कौशल, जोखिम प्रबंधन ढांचे और आंतरिक नीतियों से जुड़ा होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि ऐसे कुछ खास डेरिवेटिव उत्पादों को नहीं बेचा जा सकेगा जिन्हें ग्राहक अच्छी तरह से नहीं समझते हैं। इस क्षेत्र के विश्लेषकों का कहना है कि यदि इन्हें बेचा जाता है तो किसी तरह के नुकसान की जिम्मेदारी बिक्रेता की होगी। 
 
केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को कहा था कि वह डेरिवेटिव्स उत्पादों के लिए नए मसौदा दिशा-निर्देशों की घोषणा करेगा, जिनमें क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप भी शामिल है, जिन्हें खरीदार चूक से बचने के लिए बीमा के तौर पर खरीदता है। इसी तरह, केंद्रीय बैंक ने मनी मार्केट योजनाओं के लिए भी मसौदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनमें जमा पत्र (सीडी) और वाणिज्यिक पत्र (सीपी) शामिल हैं। अपनी नीति में आरबीआई ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को आरबीआई की दैनिक तरलता समायोजन सुविधा में भाग लेने की अनुमति दी। केंद्रीय बैंक ने स्पष्टï किया है कि सीपी और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (या कॉरपोरेट बॉन्डोंं के लिए भुगतान के संबंध में कोई ग्रेस पीरियड नहीं होगा। 

First Published - December 6, 2020 | 8:54 PM IST

संबंधित पोस्ट