पब्लिक सेक्टर के पंजाब एंड सिंध बैंक (PSB) ने 3,000 करोड़ रुपये तक की राशि इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स ( infrastructure bonds) के जरिये जुटाने की योजना बनाई है। बैंक यह कदम डिपॉजिट्स के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा और कम लागत वाले फंड जुटाने के उद्देश्य से उठा रहा है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकारी बैंकों ने इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के माध्यम से फंड जुटाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने जून और जुलाई में दो चरणों में 15-वर्षीय इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसी तरह, केनरा बैंक (Canara Bank) ने 7.4% की दर से 10-वर्षीय बॉन्ड्स के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए, और बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने जुलाई में 7.54% की दर से 5,000 करोड़ रुपये जुटाए।
पंजाब सिंध बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) स्वरूप कुमार साहा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि बॉन्ड यील्ड्स में नरमी से फंड जुटाने का माहौल अनुकूल हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘बॉन्ड्स को कुछ चरणों में जारी किया जाएगा, और पहले चरण में बैंक 3,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बना रह है, जो बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा।’
CRISIL ने प्रस्तावित इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स को “AA/Stable” रेटिंग दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सितंबर 2024 की मासिक बुलेटिन के अनुसार, अगस्त और सितंबर में घरेलू बॉन्ड यील्ड्स में नरमी आई। 10-वर्षीय भारतीय बेंचमार्क गवर्नमेंट सिक्योरिटी (G-sec) का यील्ड 6.76% से 6.87% के बीच रहा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के जरिये जुटाई गई राशि बैंकों के लिए आकर्षक होती है क्योंकि यह वैधानिक तरलता अनुपात यानी SLR (18%) और CRR (4.5%) जैसे रेगुलेटरी रिजर्व जरूरतों से मुक्त होती है। इसके साथ ही, इन्हें प्राथमिकता वाले क्षेत्र में ऋण देने (Priority Sector Lending/PSL) की अनिवार्यता से भी छूट मिलती है।
बैंक को कुल 10,000 करोड़ रुपये तक की राशि जुटाने की मंजूरी मिल चुकी है। इसमें 2,000 करोड़ रुपये के इक्विटी ऑफरिंग के लिए Qualified Institutional Placement (QIP), 5,000 करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स और 3,000 करोड़ रुपये के एडिशनल टियर 1 और टियर 2 बॉन्ड्स शामिल हैं।
साहा के अनुसार, बैंक QIP के लिए मर्चेंट बैंकर नियुक्त करने की प्रक्रिया में है, लेकिन उन्होंने शेयर ऑफरिंग के समय के बारे में जानकारी नहीं दी।
बैंक का इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन बुक जून 2024 में 16.65% बढ़कर 15,274 करोड़ रुपये हो गया, जो कि कुल क्रेडिट का 19.02% है। इसमें एनर्जी सेगमेंट का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो 5,462 करोड़ रुपये का है, जबकि सड़कों और पोर्ट्स का हिस्सा 3,390 करोड़ रुपये है।