भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रिवर्स मॉर्गेज लोन के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों का प्रस्ताव रखा है।
रियल एस्टेट में छाई आर्थिक मंदी और उसमें संभावित गिरावट को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने बैंकों की रक्षा के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों को लागू करने के बारे में कहा है।
यह उम्मीद की जा रही है कि रिवर्स मॉर्गेज लोन संबंधी मानदंडों के बारे में आरबीआई अपनी वार्षिक मौद्रिक नीति में घोषणा कर सकता है। उल्लेखनीय है कि आने वाले 29 अप्रैल को आरबीआई अपनी वार्षिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा।
रिवर्स मॉर्गेज लोन वरिष्ठ नागरिकों को मुहैया कराया जाता है। यह लोन उन वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाता है, जिनके पास आय के साधन पर्याप्त नहीं हैं। रिवर्स मॉर्गेज के तहत एक निश्चित आय पर वरिष्ठ नागरिक अपने घर को 15 सालों के लिए गिरवी रख सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि रिवर्स मॉर्गेज के तहत व्यक्ति ऋणदाता यानी बैंकों के पास अपने घर को गिरवी रखते हैं। घर गिरवी रखने के बदले में ऋणदाता संबंधित व्यक्ति को नियमित रुप से धन देता है। यह भी विदित है कि वह व्यक्ति लोन की अवधि के दौरान कोई रकम नहीं चुकाता है।
अगर इस दौरान संबंधित व्यक्ति का देहांत हो जाता है, तो इस स्थिति में ऋणदाता उनके घर वालों से लोन चुकाने के बारे में कहता है और नहीं तो फिर बैंक गिरवी रखे उस मकान को बेच देता है।
इस प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर रियल एस्टेट की कीमतों में लगातार कमी आती रही तो निस्संदेह बैंक द्वारा गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी में भी कमी आ जाएगी।